राजद के मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कहा कि हमने सदन में 'SIR' पर चर्चा के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया है। अगर चर्चा नहीं हुई तो हम सदन नहीं चलने देंगे।
बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र का आज (मंगलवार) दूसरा दिन है। मंगलवार को राजद विधायकों ने काला कुर्ता पहनकर और बैनर-पोस्टर लेकर विधानसभा परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कानून-व्यवस्था और मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के खिलाफ धरना दिया। इस दौरान केंद्र और बिहार सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई।
राजद के मुख्य सचेतक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कहा कि हमने सदन में 'SIR' पर चर्चा के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया है। अगर चर्चा नहीं हुई तो हम सदन नहीं चलने देंगे। धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है।
'कानून-व्यवस्था पर भगवान का भरोसा'
अख्तुल इस्लाम शाहीन ने कहा कि सरकार को इस अभियान को तुरंत वापस लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था भगवान भरोसे है। एक के बाद एक बड़ी घटनाएं हो रही हैं।
पहले दिन अनुपूरक बजट पेश
बता दें कि बिहार विधानसभा का पांच दिवसीय मानसून सत्र सोमवार को शुरू हुआ। पहले दिन उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जिनके पास वित्त विभाग भी है, ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए लगभग 57,947 करोड़ रुपये का पहला अनुपूरक बजट पेश किया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी। मानसून सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधायी और वित्तीय कार्य किए जाएँगे।
अध्यक्ष ने सोमवार को कहा कि राज्य में चुनाव से पहले यह मौजूदा विधानसभा का आखिरी सत्र होगा और उन्होंने सुचारू कार्यवाही के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों से सहयोग का आग्रह किया। सत्र 25 जुलाई को समाप्त होगा। पहले दिन भी, भारत गठबंधन के सदस्य भाकपा (माले) लिबरेशन के सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।