मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा कार्यालय से आत्मनिर्भर भारत अभियान का औपचारिक शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा, "स्वदेशी केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक विकसित भारत की नींव है।"
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाजपा कार्यालय में आत्मनिर्भर भारत अभियान का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने अभियान का लोगो और नारा, "हर घर में स्वदेशी, हर घर में स्वदेशी" जारी किया और इसे विकसित भारत के निर्माण का सबसे बड़ा माध्यम बताया।
उत्तराखंड में भी स्वदेशी अभियान बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत संकल्प अभियान के शुभारंभ के दौरान, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे एक विकसित भारत के लिए आवश्यक बताया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्वदेशी केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक आत्मनिर्भर और विकसित भारत की नींव है।
स्वदेशी प्रतिज्ञा छोटे व्यापारियों का सम्मान है - मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारी सनातन संस्कृति और जीवन शैली का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी प्रतिज्ञा हमारे कारीगरों, छोटे व्यापारियों और उद्योगपतियों के प्रति सम्मान है। यह न केवल आर्थिक मजबूती का माध्यम है, बल्कि मातृभूमि के प्रति हमारे प्रेम और समर्पण का भी प्रतीक है।
विदेशी आंदोलन ने स्वतंत्रता संग्राम में नई ऊर्जा का संचार किया - मुख्यमंत्री
कार्यक्रम में ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि विदेशी आंदोलन ने स्वतंत्रता संग्राम में नई ऊर्जा का संचार किया। लोकमान्य तिलक, महर्षि अरविंद और महात्मा गांधी ने राष्ट्र निर्माण की नींव रखी। धामी ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "लोकल का स्वर" और "मेक इन इंडिया" जैसे अभियानों के साथ इस प्रवृत्ति को आगे बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आज स्वदेशी की अवधारणा केवल कार्यक्षेत्र और समय तक सीमित नहीं है, बल्कि ब्रह्मोस मिसाइल, तेजस विमान, सेमीकंडक्टर, डिजिटल इंडिया और यूपीआई तक फैली हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान टीकों और पीपीई किट का उत्पादन भारत की स्वदेशी शक्ति का एक उदाहरण है।
सामूहिक प्रयास हमें आत्मनिर्भर भारत की ओर ले जाएँगे - मुख्यमंत्री
अपने संबोधन के अंत में, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत, विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए, हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे द्वारा उपयोग की जाने वाली अधिकांश वस्तुएँ स्वदेशी हों। हमारे सामूहिक प्रयास हमें आत्मनिर्भर भारत की ओर आगे ले जाएँगे।