मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नवरात्रि महिला सशक्तिकरण और सामाजिक एकता का प्रतीक है। उज्जैन में 25,000 से अधिक कन्याओं के पूजन ने एक कीर्तिमान स्थापित किया है और इसे "गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स" में दर्ज किया गया है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नवरात्रि, आस्था और परंपरा का प्रतीक होने के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण और सामाजिक एकता के सम्मान का भी एक अनूठा उदाहरण है। रविवार को उज्जैन में 121 स्थानों पर 25,000 से अधिक कन्याओं का पूजन किया गया, जो एक कीर्तिमान है।
इसे "गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स" में दर्ज किया गया है। उज्जैन की पावन धरा पर प्राप्त यह उपलब्धि भारतीय संस्कृति को वैश्विक पटल पर स्थापित करती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस उपलब्धि के लिए अपनी शुभकामनाएँ दीं।
आयोजन की सफलता में नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही - अनिल कालूहेड़ा
कन्या पूजन का आयोजन लोकमान्य तिलक समिति द्वारा किया गया था। समिति के संयोजक विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने कहा कि इस आयोजन की सफलता में नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
नवरात्रि के आठवें और नौवें दिन कन्या पूजन किया जाता है। इस अनुष्ठान में, छोटी कन्याओं को देवी माँ का स्वरूप मानकर उनकी पूजा और भोजन कराया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, प्रत्येक कन्या में देवी माँ का स्वरूप समाहित होता है, इसलिए नवरात्रि में देवी की पूजा अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कन्याओं का विधिवत पूजन करने से नवग्रह प्रसन्न होते हैं
इसके अलावा, नवरात्रि में कन्याओं का विधिवत पूजन करके हम नवग्रहों को प्रसन्न कर सकते हैं। एक धार्मिक अनुष्ठान होने के अलावा, कन्या पूजन जीवन में सकारात्मक परिवर्तन, सुख, समृद्धि और यश प्राप्त करने का भी एक साधन है। पूजा के दौरान अर्पित किए जाने वाले प्रसाद का संबंध हमारे ग्रहों से भी होता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कन्या पूजन विधिपूर्वक करने से हम नवग्रहों को सक्रिय करते हैं और देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। नवरात्रि के आठवें दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व होता है। नौवें दिन को शक्ति साधना का अंतिम चरण माना जाता है। कई स्थानों पर इस दिन छोटी कन्याओं को भोजन भी कराया जाता है।