आंध्र प्रदेश में चक्रवात मोन्था का असर शुरू हो गया है। तटीय जिलों में तेज़ हवाएँ और बारिश जारी है। एपीएसडीएमए ने जनता से सतर्क रहने की अपील की है।
देश के तटीय इलाकों में चक्रवात मोन्था का असर दिखने लगा है। आंध्र प्रदेश में स्थिति गंभीर होती जा रही है। राज्य के तटीय जिलों में तेज़ हवाएँ और बारिश शुरू हो गई है। अधिकारियों के अनुसार, पिछले छह घंटों में चक्रवात लगभग 18 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा है। इसका केंद्र वर्तमान में चेन्नई से 480 किलोमीटर, काकीनाडा से 530 किलोमीटर और विशाखापत्तनम से 600 किलोमीटर दूर है। इसके चलते ओडिशा के गजपति में भारी बारिश शुरू हो गई है। स्थानीय प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार (27 अक्टूबर, 2025) को अधिकारियों को चक्रवात मोन्था के मद्देनजर उन इलाकों में एहतियाती कदम उठाने का निर्देश दिया जहाँ बारिश और बाढ़ की संभावना है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, चक्रवात मोन्था मंगलवार सुबह (28 अक्टूबर, 2025) तक एक भीषण चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री नायडू से फोन पर बात की और चक्रवात के बारे में जानकारी ली। इसके बाद, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री नारा लोकेश को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के साथ समन्वय करने के लिए कहा गया है।
अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री ने चक्रवात के संबंध में अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, "मुख्यमंत्री ने उन क्षेत्रों में अग्रिम कार्रवाई के आदेश दिए जहाँ बारिश और बाढ़ की आशंका है। उन्होंने अधिकारियों से फसलों को नुकसान से बचाने के लिए नहरों के किनारों को मजबूत करने को कहा।" नायडू ने अधिकारियों को चक्रवात की गति पर हर घंटे नज़र रखने का निर्देश दिया। चक्रवात के प्रभाव के कारण, कृष्णा जिले में सोमवार से शुरू होकर दो दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। इसी तरह, गुंटूर, बापटला, एनटीआर, पालनाडु और पश्चिम गोदावरी जिलों में भी भारी बारिश का अनुमान है।
90 से 110 किमी प्रति घंटे की हवा की गति
आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (APSDMA) के अनुसार, जैसे-जैसे चक्रवात तट के पास पहुँचेगा, हवा की गति 90 से 110 किमी प्रति घंटे तक बढ़ सकती है। इससे पेड़ उखड़ सकते हैं, बिजली गुल हो सकती है और निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है। राज्य प्रशासन ने कृष्णा, गुंटूर, नेल्लोर, पूर्वी गोदावरी और विशाखापत्तनम जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है और तटीय इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
आपदा प्रबंधन विभाग की अपील
आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (APSDMA) के प्रबंध निदेशक प्रखर जैन ने कहा कि चक्रवात ने दस्तक देना शुरू कर दिया है और तट के पास पहुँचने पर इसका प्रभाव और भी बढ़ जाएगा। तटीय जिलों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए और सरकारी निर्देशों का पालन करना चाहिए। उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और केवल आधिकारिक माध्यमों से ही जानकारी लेने का आग्रह किया।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवात मोन्था के अगले 24 घंटों के भीतर आंध्र प्रदेश-तमिलनाडु तट पर पहुँचने की संभावना है। इस दौरान भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। गौरतलब है कि चक्रवात मोन्था का असर ओडिशा के गजपति में भी महसूस किया जा रहा है। इसके चलते शहर में भारी बारिश शुरू हो गई है। प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है।