- श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर साधु-संतों ने बैठक कर बनायी रणनीति

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर साधु-संतों ने बैठक कर बनायी रणनीति

 मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि को विवाद को लेकर रविवार को यहां साधु-संतों ने बैठक की। इस दौरान साधु-संतों ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि के अहम दस्तावेज सभी के सामने रखे। महामंडलेश्वर नवल योगी महाराज ने कहा कि 5256 साल से साक्ष्य दे रहे हैं फिर भी प्रमाण पूरे नहीं हुए। शर्म की बात है कि सनातन धर्म को अपने मंदिर के लिए लड़ाई लड़नी पड़ रही है। किसी ने जबरन घर में घुसकर कब्जा किया और हम साक्ष्य देते फिर रहे हैं।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान से संबंधित ऐतिहासिक, राजस्व और धर्म ग्रंथों से संबंधित दस्तावेज सभी के सामने रखे गए। न्यायालय में चल रही कार्रवाई के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि की जमीन पर औरंगजेब ने कब्जा कर शाही ईदगाह बनाई है। शाही ईदगाह जहां बनी है, वह जगह आराध्य भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है और भगवान का असली गर्भगृह है। संत वेदानंद गिरी महाराज ने कहा कि परीक्षा तब तक देनी होगी, जब तक संविधान में संशोधन नहीं होता। अभी राम मंदिर नहीं बना है। उससे पहले रामचरित मानस की प्रतियां जला रही हैं इसलिए समान नागरिक संहिता कानून बनना चाहिए। धर्माचार्य आचार्य बद्रीश ने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो, मुस्लिम दूसरे दर्जे के नागरिक हों। 
विदित हो कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद को लेकर मथुरा की कोर्ट में विभिन्न लोगों और संगठनों ने 12 से ज्यादा वाद दाखिल किए हैं, जिन पर अदालत में सुनवाई चल रही है। कोर्ट में दाखिल वाद में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि मुक्त कराने की मांग अदालत से की गई है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास द्वारा भी कोर्ट में जमीन मुक्त कराने, शाही ईदगाह का सर्वे कराने की मांग को लेकर कोर्ट में वाद दाखिल किए हुए हैं। इन वादों पर मथुरा की विभिन्न अदालतों में सुनवाई चल रही है। 

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