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महाराष्ट्र से ही शुरू होगा बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने का सिलसिला- नाना पटोले
कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना फिर से सत्ता में आएंगे- बालासाहेब थोरात
मुंबई,। केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी सत्ता के बल पर संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म करने का काम कर रही है। आज देश बड़ी उम्मीदों से महाराष्ट्र की ओर देख रहा है और पूरे देश के लोगों को महाराष्ट्र की जनता पर भरोसा है। महाराष्ट्र ने देश को शाहू, फुले, आंबेडकर के प्रगतिशील विचार दिए हैं। अब फिर वही काम महाराष्ट्र से होगा. महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने विश्वास जताया कि बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने का सिलसिला महाराष्ट्र से ही शुरू होगा। बुधवार को यशवंतराव चव्हाण केंद्र में महाविकास आघाड़ी की संयुक्त बैठक हुई। इस बैठक में शिवसेना पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण, विपक्ष के नेता अजीत पवार, राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, विधान परिषद में नेता विपक्ष अंबादास दानवे, पूर्व मंत्री, छगन भुजबल, शेकाप नेता जयंत पाटिल, एकनाथ खडसे, अनिल देशमुख, सुनील केदार, विजय वडेट्टीवार, सतेज पाटिल, आदित्य ठाकरे, प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे, महासचिव प्रमोद मोरे, देवानंद पवार सहित विधायक, सांसद, जिलाध्यक्ष व तीनों दलों के पदाधिकारी मौजूद थे। नाना पटोले ने आगे कहा कि महाविकास आघाड़ी सत्ता में आने के लिए नहीं बल्कि देश में लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए एकजुट है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आघाड़ी ने कई सभाओं के आयोजन का फैसला लिया है। पटोले ने कहा कि यह सभी सभाएं जबरदस्त होनी चाहिए। उन्होंने अपने नेताओं से तालुका एवं जिला स्तर पर बैठक का आयोजन कर इन सभाओं को सफल बनाने की अपील की है। इस मौके पर बोलते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात ने कहा कि माविआ सरकार को तब गिराया गया जब वह सबसे बेहतर काम कर रही थी। लेकिन आज प्रदेश में स्थिति मविआ के पक्ष में है। मविआ ने विधान परिषद चुनाव जीता। हाल ही में कसबा उपचुनाव में भी बड़ी जीत हासिल हुई है। थोरात ने कहा कि जब मैंने राज्य का दौरा किया तो देखा कि भाजपा ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं नहीं थी। ग्रामीण इलाके बीजेपी के एजेंडे में नहीं हैं और अब वे कोशिश कर रहे हैं। लेकिन आलम यह है कि अगर माविआ एक साथ चुनाव लड़े तो उन्हें लोकसभा की 38 और विधानसभा की 180 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है। राज्य की जनता आघाडी सरकार को चाहती है, इसलिए हमें विश्वास है कि महाविकास अघाड़ी के तीनों दलों की संयुक्त सरकार एक बार फिर सत्ता में आएगी। थोरात ने कहा कि सोनिया गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे की पहल से राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार का गठन किया गया। ढाई साल तक माविआ सरकार ने उल्लेखनीय काम किया। सरकार आते ही कोरोना का संकट आया, कई बाधाएं आईं, लेकिन उस दौरान भी विकास कार्यों को बंद नहीं होने दिया गया। कठिन परिस्थितियों में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में किए गए कार्यों की दुनिया ने सराहना की। महाराष्ट्र ने ऐसा बुरा हाल नहीं होने दिया जब लाशों को गंगा में बहाया जा रहा था। महाविकास अघाड़ी की सरकार आई तो सबसे पहले किसानों का कर्ज माफ किया। इससे पहले भाजपा सरकार द्वारा दी जाने वाली कर्ज माफी के लिए किसानों को कतार में खड़े होकर फार्म भरना पड़ता था, लेकिन माविआ ने किसानों को बिना किसी प्रताड़ना के कर्जमाफी दे दी। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने इस मौके पर कहा कि जब से कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और उद्धव बाला साहेब ठाकरे शिवसेना साथ हैं, महाराष्ट्र में एकता का माहौल बना है। माविआ की सरकार के दौरान उद्धव ठाकरे ने सभी पार्टियों का सम्मान किया। हम सरकार बनाने के लिए पूरे दिल से साथ आए थे। महा विकास अघाड़ी सरकार की तरह स्थानीय स्तर पर भी हमसभी को मिल कर चुनाव लड़ेंगे। चव्हाण ने कहा कि देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए तीनों पार्टियों को साथ आना चाहिए। जिस तरह से अब राजनीति हो रही है, वह लोगों को रास नहीं आ रहा है। वर्तमान सरकार शत्रुतापूर्ण रवैये के साथ काम कर रही है, अगर हमें इस तस्वीर को बदलना है तो तीनों दलों को एक साथ आना ही होगा। अगर हमें चुनाव में सफलता हासिल करनी है तो तालुका, जिला स्तर पर एक साथ आना चाहिए और काम करना चाहिए। बैठक को पूर्व मुख्यमंत्री शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे, विपक्ष के नेता अजीत पवार, राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल, पूर्व मंत्री छगन भुजबल, शेकाप नेता विधायक जयंत पाटिल ने भी संबोधित किया।
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