भोपाल। प्रदेश में एक बार फिर शिवराज मंत्रिमंडल की अटकलें शुरू हो गई है। इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसी महीने में निर्णय ले सकते हैं। जिसमें कुछ विधायकों को क्षेत्रीय, जातिगत समीकरणों के आधार पर मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। ऐसे में कुछ मंत्रियों के विभागों में भी तबदीकी की संभावना बनेगी। हालांकि विधानसभा चुनाव की सिर्फ 6 का समय है। ऐेसे में संभावित मंत्रिमंडल विस्तार एवं फेरबदल केा चुनावी जमावट से जोड़कर देखा जा रहा है।यूं तो शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर लंबे समय से अटकलें चल रही हैं, लेकिन मुख्यमंत्री इस पर निर्णय नहीं ले रहे थे। पार्टी के दिल्ली सूत्रों ने बताया कि नए मंत्री बनाने एवं मौजूदा मंत्रियों में से कुछ को हटाने एवं उनके विभागों में तब्दीली पर सहमति नहीं बन पा रही थी। इस वजह से मंत्रिमंडल विस्तार का निर्णय टलता जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि प्रदेश नेतृत्व विस्तार के पक्ष में नहीं है, लेकिन सियासी फायदे के लिए इस पर जल्द निर्णय लिया जा सकता है। सत्ता एवं संगठन से जुड़े सूत्र बताते हैं कि मंत्रिमंडल विस्तार में महाकौशल, विध्ंय क्षेत्र को प्रतिनिधित्व मिल सकता है। साथ ही भोपाल से भी एक विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है। कुछ मंत्रियों केा बाहर करने की भी संभावना है।
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