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आउट सोर्स भर्ती के विरोध में उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे स्थाई कर्मी।
भोपाल । शासकीय विभागों में रिक्त चतुर्थ श्रेणी के नियमित पदों पर राज शासन के आउट सोर्स से भर्ती करने की अधिसूचना के विरोध में प्रदेश के स्थाई कर्मी उच्च न्यायालय में याचिका दायर करके भर्ती पर रोक लगाने की मांग करेंगे। यह निर्णय आज मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के बैनर तले क्रांति कार्यालय 12 दफ्तर जवाहर चौक में आयोजित स्थायी कर्मियों की बैठक में लिया गया है। बैठक में अशोक पांडे, शिवप्रसाद सांगुले, भगवानदास बिल्लोरे, सत्येंद्र पांडे, दिनेश श्रीवास्तव, प्रीतम मेहर, श्याम लाल विश्वकर्मा, थावरिया भील, भूपेंद्र पांडे, चांद सिंह, मोहन गौर, भानु प्रताप सिंह, सेवाराम आदि सैकड़ों कर्मचारी शामिल थे।मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि मध्य प्रदेश शासन के स्पष्ट आदेश है कि चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर स्थाई कर्मियों को नियमित नियुक्ति दी जाएगी। लेकिन नौकरशाही सरकारी आदेश को दरकिनार करके अपने हितों को साधने के लिए आउट सोर्स से चतुर्थ श्रेणी के पदों को भरना चाह रही है। आउट सोर्स भर्ती के रास्ते से नौकरशाही अपनों को उपकृत करना चाहती है तथा 20 साल से शासकीय विभागों में कार्यरत स्थायी कर्मियों के नियमितीकरण के अधिकार का हनन करना चाहती है। इसीलिए नौकरशाही ने सरकार से सांठगांठ करके 31 मार्च 2023 को शासकीय विभागों में चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर आउटसोर्स से भर्ती करने की अधिसूचना जारी करवा दी है। स्थायी कर्मियों ने बैठक में प्रस्ताव पारित करके निर्णय लिया है कि 31 मार्च 2023 को जारी शासन की अधिसूचना के विरोध में उच्च न्यायालय में याचिका दायर करके न्यायालय से मांग की जाएगी कि आउट सोर्स भर्ती पर रोक लगाई जाए और शासकीय विभागों के रिक्त चतुर्थ श्रेणी के पदों पर स्थायी कर्मियों को शासन के आदेश 7 अक्टूबर 2016 के तहत नियमित नियुक्ति दी जाए।
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