भोपाल। मप्र में 31 हजार डॉक्टर लापता है। इसका खुलासा एमपी मेडिकल काउंसिल में सत्यापन के दौरान हुआ है। एमपी मेडिकल काउंसिल के रिकार्ड में भले ही 55 हजार डाक्टर हैं, लेकिन ऑनलाइन सत्यापन में सिर्फ 24 हजार ही मिले हैं। अब केवाईसी कराने के लिए इन डॉक्टरों से निर्धारित सॉफ्टवेयर में उनका लाइव फोटो भेजने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन अभी तक सिर्फ चार सौ डॉक्टरों ने ही केवाइसी कराया है। पहले चरण में चार हजार डॉक्टरों को केवाईसी कराने के लिए चिह्नित किया गया है। इन्हें बार-बार फोन किया जा रहा है, लेकिन वह बच रहे हैं। बता दें कि कई चिकित्सकों की मृत्यु हो चुकी है, इसके बाद भी उनका पंजीयन मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल में जीवित है। ऐसे में ई केवाईसी से डॉक्टरों की सही संख्या सामने आएगी। इनमें सरकारी और निजी दोनों डॉक्टर शामिल हैं।
वर्ष 2021 में शुरू हुई सत्यापन की प्रक्रिया में डॉक्टरों को एमपी ऑनलाइन के माध्यम से अपना पंजीयन नंबर, मोबाइल नंबर और शैक्षणिक योग्यता की जानकारी दर्ज करनी थी। शुरू में तो इसका भी डॉक्टरों ने विरोध किया, लेकिन जब काउंसिल की ओर से सख्ती की गई तो लगभग 20 हजार डॉक्टर ने जानकारी डाली। चार हजार नए पंजीयन नवीन फॉर्मेट के अनुसार थे, जिसमें मोबाइल नंबर, आधार आदि की जानकारी दर्ज थी। इस कारण उन्हें अलग से जानकारी देने की जरूरत नहीं पड़ी। इस तरह कुल 24 हजार डाक्टरों का ब्योरा मिल पाया है। इस आधार पर यही माना जा रहा कि प्रदेश में कुल इतने ही डाक्टर हैं। यानी प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ आबादी के मान से तीन हजार 541 लोगों पर एक एलोपैथिक चिकित्सा हैं।
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