डबरा (बेजोड रत्न)। ग्वालियर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से मिले निर्देशों के अनुपालन में भितरवार के लोक सेवा केंद्र पर सिविल न्यायालय भितरवार के व्यवहार न्यायाधीश राकेश सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें सिविल न्यायालय भितरवार की व्यवहार न्यायाधीश रिचा शर्मा भी प्रमुख रूप से उपस्थित रही।
महिलाओं को बताए उनके कानूनी अधिकार..........
विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता कर रहे विधिक सेवा प्राधिकरण इकाई तहसील के अध्यक्ष एवं व्यवहार न्यायाधीश राकेश सिंह ने महिलाओं के अधिकारों, असमानता को दूर करने तथा बालिकाओं को शिक्षा के क्षेत्र में, स्वास्थ्य के क्षेत्र में, गरिमा के साथ जीवन जीने, पोषण एवं विधिक अधिकारों, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को रोकने के कानून के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा सुरक्षा बनाए रखने तथा बाल विभाग को निषेध करने के लिए लक्ष्य के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि वैदिक शास्त्रों में नारियों की पूजा करने के विषय में बताया गया है और कहा गया है कि ‘यत्र नार्यस्त पूज्यंते, रमंते तत्र देवता‘ अर्थात जिस कुल में नारियों की पूजा होती है वहां दिव्य गुण, दिव्य भोग और उत्तम संतान होती है।
भारतीय समाज में बच्चियों के जन्म होने पर लक्ष्मी का रूप दिए जाने की अवधारणा को स्वीकार किया गया है, इसके बाद उस समाज में बालिकाओं के प्रति बहुत ही विभिन्नताएं दिखती हैं, इन्हीं विभिन्नताओं एवं असमानताओ को दूर करने के लिए महिलाओं एवं बालिकाओं को जागरूक किया जाना आवश्यक है। शिविर में उन्होंने महिलाओं से संबंधित कानूनों के विषय में विस्तृत जानकारी दी और कहा कि पुरुष और महिलाओं को बराबरी पर लगने के लिए निरंतर केंद्र और राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण में तेजी से कार्य कर रही है। सभी क्षेत्रों में महिलाओं के उत्थान को राष्ट्र की प्राथमिकता में शामिल किया गया है। समाज में महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार मिले, इसके अतिरिक्त बालिकाओं को बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ की मुख्यधारा से जोड़कर उन्हें आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करें।
कल्याणकारी योजनाओं की दी जानकारी....
वही विधिक साक्षरता शिविर में प्रमुख रूप से उपस्थित व्यवहार न्यायाधीश रिचा शर्मा ने शासन द्वारा महिलाओं व बच्चियों के हित में संचालित कल्याणकारी, लाभार्थी योजनाओं तथा महिलाओं को लागू होने वाले विभिन्न कानूनों के बाबत जानकारी दी। जिसमें उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, सुरक्षित मातृत्व वंदना योजना, लाडली लक्ष्मी योजना एवं हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश भर में लागू की गई लाडली बहना योजना के अलावा महिलाओं एवं बालिकाओं के विरुद्ध अपराधों, समानता का अधिकार, भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा अतिशेष नियम, बाल विवाह निषेध अधिनियम, घरेलू हिंसा अधिनियम के अलावा कानूनी प्रावधान में पास्को एक्ट इत्यादि के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कानूनी जानकारी के अभाव में महिलाएं अपनी आवाज नहीं उठा पाती हैं लेकिन अब महिलाओं को अपनी आवाज उठाना होगा और अपने हक और अधिकार के लिए आगे आकर लड़ना होगा।
पुरुष प्रधान समाज में महिलाएं अपनी प्रताड़ना को स्पष्ट नहीं कर पाती है लेकिन अब कानूनों में बदलाव हुआ है और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला है इसके लिए थाना स्तर पर ऊर्जा डेस्क बनाए गए हैं जिसमें आसानी से महिला अपने प्रताड़ना संबंधी महिला पुलिस अधिकारी या अन्य महिला अधिकारी को अपनी बात आसानी से बता सकती हैं जिससे कि उन्हें तुरंत न्याय मिल सके और महिलाओं के प्रति प्रताड़ना करने वाले लोगों को समय रहते उचित सबक मिल सके। इस अवसर पर प्रमुख रूप से अभिभाषक अरुण शर्मा, विशाल सिंह रावत, बसंत शर्मा, भंवर सिंह चैहान, अनिल कुमार नामदेव आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।