- यमुनानगर के नैशनल पार्क में 110 साल बाद दिखा टाइगर, वन विभाग पता कर रहा- कहां से आया नया मेहमान

यमुनानगर। हरियाणा के कलेसर नैशलन पार्क में नए मेहमान ने आमद दी है। यहां यमुनानगर जिले में स्थित कलेसर नैशनल पार्क में 110 साल बाद टाइगर देखा गया है। इससे पहले 1913 में इस पार्क में बंगाल टाइगर को देखा गया था। जंगल में लगे कैमरे में बंगाल टाइगर की एक तस्वीर कैद हुई है। जब‎कि पार्क में टाइगर दिखाई देने की पुष्टि हरियाणा के वन मंत्री ने कर दी है। हालां‎कि विभाग ने नाइट विजन कैमरे की फुटेज को शुक्रवार को उच्च अधिकारियों को भेज दिया है। वन मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने अपने सोशल फेसबुक अकाउंट से फोटो जारी करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय पशु बाघ (टाइगर) का 1913 के बाद अब 2023 में कलेसर नैशनल पार्क में दिखना पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। वन एवं वन्य जीव प्राकृतिक धरोहर है। हम सबको इनके संरक्षण के लिए आवश्यक काम करना चाहिए।गौरतलब है ‎कि विभाग ने जंगल के विभिन्न क्षेत्रों में 10 कैमरे लगाकर टाइगर की उपस्थिति का पता लगाया था। पड़ोसी राज्य हिमाचल के सिंबलवाड़ा के कर्नल शेरजंग नैशनल पार्क में बीते फरवरी में टाइगर की मौजूदगी का पता लगाकर चित्र जारी कर दिए गए थे। अब कलेसर नैशनल पार्क की चिकन बीट एरिया में मैच्योर टाइगर देखा गया है। वन्य प्राणी विभाग द्वारा टाइगर के संभावित क्षेत्रों में 10 स्थानों पर नाइट विजन कैमरा लगाकर बाघ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी। लगभग 3 महीने के बाद कैमरे में बाघ की मूवमेंट दर्ज की गई। इससे पूर्व 10 फरवरी को जंगल क्षेत्र में बनी पीर की मजार के निकट श्रद्धालुओं को बाघ के पंजों के निशान देखे गए थे। 
गौरतलब है ‎कि कलेसर नैशनल पार्क और हिमाचल के सिंबलवाड़ा के कर्नल शेरजंग नेशनल पार्क से सटे उत्तराखंड के राजाजी नैशनल पार्क से बड़े जानवर जैसे जंगली हाथी, तेंदुआ, बाघ आदि बड़े जानवर कलेसर जंगल की ओर आते-जाते रहे हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि जंगल के मुख्य मार्गों पर लगाए गए नाइट विजन कैमरों को अभी बरकरार रखा जाएगा। जंगली जानवरों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कैमरों की मदद ली जा रही है। मेहमान जानवर कितने लंबे समय तक जंगल में स्टे करता है इस बात का भी पता लगाया जा रहा है।

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