डबरा (बेजोड रत्न)। अनुभाग के श्यामपुर गांव स्थित हनुमान मंदिर पर कथा परीक्षित कमलादेवी अमर सिंह खैनबार और अन्य परिवारीजनों द्वारा कराई जा रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के शुभारंभ अवसर पर गुरुवार को पूरे गांव में धूमधाम से गाजे-बाजे के साथ नाचते गाते हुए भव्य कलश यात्रा निकाली गई जिसमें, कथा आयोजक परिवार आगे-आगे श्रीमद्भागवत महापुराण को सिर पर रखकर चल रहे थे तो वही श्रीमद्भागवत महापुराण के पीछे पीतांबर धारी महिलाओं ने मंगल कलश सिर पर धारण कर गाजे-बाजे के साथ नाचते हुए कलश यात्रा निकाली। कलश यात्रा गांव के विभिन्न देवी स्थानों से होते हुए कथा स्थल हनुमान मंदिर पर पहुंची जहां गणेश पूजन और घट स्थापना के साथ श्रीमद् भागवत कथा प्रारंभ की गई।
भागवत का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है.........
गांव में निकाली गई कलश यात्रा का ग्राम वासियों के द्वारा जगह-जगह उसको वर्षा करते हुए स्वागत किया गया तो वही श्रीमद् भागवत कथा के पहले दिन वृंदावन धाम से आए कथा व्यास युवा संत अष्टावक्र महाराज ने 7 दिन तक आयोजित होने वाली श्रीमद्भागवत कथा के विवरण की जानकारी देते हुए कलश यात्रा के कलश यात्रा के महात्म्य के बारे में बताया कि कलर्स रिद्धि सिद्धि का प्रतीक है। इसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। श्रीमद् भागवत कथा एवं श्रीराम कथा के आयोजन से पूर्व जो कलश यात्रा निकाली जाती है, उसका शास्त्रों में विधान हैं।
कलश में जल भरकर मण्डप में स्थापित किया जाता है........
कार्यक्रम के पहले गांव में ग्राम देवता स्थान देवता का दर्शन पूजन करने के साथ-साथ कलश में जल भरा जाता है। चाहे वह किसी मंदिर के पास का हो या किसी नदी या किसी पवित्र जलाशय का हो। कलश में जल भरकर मंडप में स्थापित किया जाता है साथ ही कलश यात्रा में जो भी महिलाएं एवं पुरुष शामिल होते हैं उनकी उनके सारे जाने अनजाने में किए गए पाप, ताप और संताप का नाश हो जाता है। सभी देवी देवताओं की स्तुतियां करते हुए गांव के कुल देवी देवताओं का दर्शन करते हुए उनका आव्हान कलश यात्रा के माध्यम से किया जाता है।
कलश यात्रा में ये रहे मौजूद.......
इस दौरान आयोजित कलश यात्रा और भागवत कथा के पहले दिन भारी मात्रा में श्रद्धालु जन उपस्थित रहे जहां श्रीमद् भागवत महापुराण के मूल पाठ करता पंडित संजय पाठक शास्त्री के द्वारा श्रीमद् भागवत पोथी और व्यास गद्दी का सभी आयोजक परिवार के माध्यम से सामूहिक पूजन कराया गया। इस अवसर पर कथा परीक्षित कमला देवी ठाकुर, अमर सिंह खैनबार, रूप सिंह, नरेंद्र सिंह, सुघर सिंह, लाखन सिंह अन्य परिवारजन और ग्रामीणजन उपस्थित रहे।