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वंदे भारत एक्सप्रेस का ट्रेन मैनेजर किसका? झगड़ रहे हैं दो डिवीजन
नई दिल्ली। निजामुद्दीन से भोपाल के लिए 2 अप्रैल को लांच हुई वंदे भारत ट्रेन ने रेलवे के दो डिवीजन को आमने-सामने ला दिया है। दिल्ली और आगरा डिवीजन के बीच क्रू की तैनाती के मुद्दे पर मतभेद चल रहा है। हर दिन दोनों डिवीजन ट्रेन के सुपरविजन के लिए गार्ड तैनात कर रह हैं। आगरा से ट्रेन में आने वाला गार्ड निजामु्द्दीन तक ड्यूटी करता है, लेकिन उसी ट्रेन में वापसी के दौरान एक यात्री के रूप में सफर करना पड़ता है। उस गार्ड के केबिन में आने की अनुमति भी नहीं दी जाती है। ऑल इंडिया गार्ड्स काउंसिल (एआईजीसी) के वरिष्ठ अधिकारी अरुण कुमार ने कहा, हर दिन दोपहर 1:30 पर, वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से तैयार किए जाने वाले रोस्टर के मुताबिक, एक गार्ड ट्रेन में आगरा में सवार होकर निजामुद्दीन तक जाता है। वह वहां आराम करता है और 2:40 पर वापसी के दौरान ट्रेन को सुपरवाइज करने के लिए तैयार होता है। लेकिन उस गार्ड केबिन में प्रवेश नहीं दिया जाता है और इसकारण एक यात्री के रूप में लौटना पड़ता है।
710 किलोमीटर के सफर में वंदे भारत ट्रेन तीन रेलवे जोन से गुजरती है। नॉर्दन रेलवे (एनआर) के दिल्ली डिवीजन, नॉर्थ सेंट्रोल जोन (एनसीआर) के आगरा और झांसी और वेस्ट सेंट्रल जोन (डब्ल्यूसीआर) से होते हुए ट्रेन निजामुद्दीन से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के बीच सफर करती है। एनआर और एनसीआर की ओर से जारी आदेश से पता चलता है कि दिल्ली और आगरा के बीच यह विवाद पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से 1 अप्रैल को हरी झंडी दिखाए जाने के एक दिन पहले से चल रहा है। 31 मार्च की शाम 7:08 बजे एनआर के टाइम टेबल कंट्रोल (टीटीसी) डिपार्टमेंट ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी कि ट्रेन में निजामुद्दीन से झांसी और झांसी से निजामुद्दीन के बीच एनआर का गार्ड होगा।
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