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ईडी ने कांग्रेस नेता और रायपुर महापौर के भाई को गिरफ्तार किया
रायपुर। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने रायपुर के महापौर एवं कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर को गिरफ्तार किया है। ईडी को शराब घोटाला मामले में 2000 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले है जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है।सूत्रों ने बताया कि शराब कारोबारी अनवर ढेबर को सुबह शहर के एक होटल से गिरफ्तार किया गया। दोपहर में उन्हें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की सुरक्षा में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत के समक्ष पेश किया गया। ढेबर के वकील राहुल त्यागी ने बताया कि अदालत ने अनवर को ईडी की चार दिन की हिरासत में भेज दिया है। ईडी ने अनवर की 14 दिन की हिरासत का अनुरोध किया, जिसका बचाव पक्ष के वकील ने विरोध किया।
त्यागी ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कार्रवाई राजनीति से प्रेरित लगती है और वे सुप्रीम कोर्ट का रुख करने वाले हैं। अनवर के भाई और रायपुर के महापौर एजाज ढेबर छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता हैं। सूत्रों ने कहा कि धन शोधन का मामला आयकर विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ और कुछ अन्य राज्यों में कथित कर चोरी और शराब के कारोबार में अनियमितताओं के संबंध में पूर्व में दाखिल आरोप पत्र के आधार पर दर्ज किया गया। राज्य में कथित कोयला ढुलाई संबंधी घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी ने 29 मार्च को अनवर और बलदेव सिंह भाटिया उर्फ पप्पू भाटिया सहित कुछ अन्य शराब कारोबारियों के परिसरों की तलाशी ली थी। पिछले महीने, ईडी ने छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को एक पत्र भेजकर यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था कि ‘‘शराब घोटाला’’ मामले में राज्य के दो अधिकारियों को समन की तामील की जाए और वे पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश हों। एजेंसी ने अभी तक कथित शराब घोटाले के ब्यौरे का खुलासा नहीं किया है।
वहीं राज्य में सामने आए 2000 करोड़ रुपये के घोटाले के बाद सियासत में तेजी आई है। इसके पहले ईडी राज्य में कोल लेवी घोटाले के सिलसिले में भी छापेमारियां कर रही थी। वहीं ईडी को शराब व्यवसायी अनवर ढेबर की कई दिनों से तलाश थी जो कि अब पूरी हो गई है। साल 2019-2020 में आयकर विभाग ने यह इनपुट उन छापों के बाद दिए थे जो कि, अनवर ढेबर, अनिल टूटेजा, सौम्या चौरसिया सहित कई बड़े अधिकारियों के ठिकाने पर डाले गए थे। बता दें कि छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रुपये का शराब घोटाला हुआ है, जिसमें टैक्स चोरी, शराब बिक्री से तीन अलग तरीकों से अवैध धन एकत्रित करने की बात सामने आई है।
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