- वे ध्यान रखें कि उनके प्रोडक्ट्स सुरक्षित हों:बाइडेन

वे ध्यान रखें कि उनके प्रोडक्ट्स सुरक्षित हों:बाइडेन

 एआई के खतरों से आगाह किया अमेरिकी राष्ट्रपति ने 
वाशिंगटन। हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई पर काम कर रही टॉप कंपनियों के सीईओ से बातचीत की है। इस बैठक में बाइडेन ने इन कंपनियों से कहा है कि वे ध्यान रखें कि उनके प्रोडक्ट्स सुरक्षित हों।दरअसल, इस बैठक की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि कई दिग्गज लगातार एआई के गलत इस्तेमाल को लेकर सतर्क कर रहे हैं।
एआई के गॉडफादर कहे जाने वाले जेफ्री हिंटन ने भी हाल में इसके मिसयूज को लेकर सावधान किया है।जेफ्री ने कुछ दिनों पहले ही गूगल से इस्तीफा दिया है।माना जाता है कि उनकी स्टडी से ही एआई की शुरुआत हुई है।खैर इसकी वजह से होने वाले नुकसान की अभी सिर्फ कल्पना की जा रही है।वहीं कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिसमें सीधे तौर पर एआई की वजह से लोगों को नुकसान हुआ है।आइए जानते हैं इनकी डिटेल्स.इस मामले को सीधे तौर पर एआई से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।क्योंकि ये गलती एआई की नहीं बल्कि उसे बनाने वाली कंपनी की है, जो खुद गूगल  है।माइक्रोसॉफ्ट से जब चैटजीपीटी पावर्ड बिंग सर्च का ऐलान किया, तो गूगल उस रेस में पिछड़ना नहीं चाहता है।
कंपनी ने कुछ ही दिनों में बार्ड का ऐलान किया, जो कंपनी का एआई चैटबॉट है।मगर इसके प्रमोशनल वीडियो में ही एक बड़ी गलती सामने आई, जिसकी वजह से कंपनी के शेयर बुरी तरह से टूट गए।वीडियो में बार्ड ने जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को लेकर गलत जवाब दिया था।उस वक्त कंपनी को लगभग 100 अरब डॉलर का नुकसान शेयर के टूटने से हुआ था।हाल में ही एमसीएएफईई ने एक सर्वे किया था।इस सर्वे में सामने आया कि एआई वॉयस क्लोनिंग की वजह से बहुत से लोगों ने अपने पैसे गंवाए हैं।इस सर्वे में 7 देशों के 7,054 लोगों ने हिस्सा लिया था। इसमें सामने आया कि 69 फीसदी भारतीय एआई जनरेटेड आवाज और सामान्य आवाज में अंतर नहीं कर पाते हैं।इसकी वजह से उन्हें ठगी का सामना भी करना पड़ा है।
सोशल मीडिया और इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म्स के पॉपुलर होने के साथ ही फेक न्यूज एक बड़ी समस्या बनी हुई है।तमाम सरकारें इससे निपटने के लिए कदम उठा रही हैं, लेकिन अभी तक इसे खत्म नहीं किया जा सका है।एआई के आने के बाद इसका खतरा बढ़ गया है।दरअसल, कई एआई बॉट्स कमाल की तस्वीरें बना सकते हैं। मिड जर्नी स्टेबल डिफ्यूजन और कई दूसरे नाम इस लिस्ट में शामिल हैं।इन बॉट्स की मदद से बनाई गई तस्वीरों को कई लोग सच मान लेते हैं, जबकि ये किसी क्रिएट की कल्पना होती हैं।ऐसे में फेक न्यूज को बड़ी ही आसानी से फैलाया जा सकता है। एआई के आने के बाद सबसे ज्यादा जिस खतरे की बात हो रही है, वो है इसका इंसानों से ज्यादा समझदार हो जाना।
ऐसी परस्थिति में एआई अपने कमांड खुद भी तय कर सकता है। वहीं जेफ्री हिंटन ने भी इसी खतरे से लोगों को चेताया है।उन्होंने कहा था कि अगर किसी रोज कोई बुरा शख्स एआई रोबोट्स को अपने गोल सेट करने की आजादी दे देगा, तो क्या होगा।ये रोबोट्स खुद को ज्यादा पॉवरफुल बनाने के सब-गोल्स क्रिएट कर सकते हैं।वहीं कुछ लोगों का मानना है कि किसी दिन एआई इंसानों का खात्मा भी कर सकता है, जिससे वह इस दुनिया पर राज कर सके।हालांकि, ये सभी खतरे काल्पनिक हैं।इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स इनका कयास लगा रहे हैं।
अगर एआई का इस्तेमाल कंट्रोल के साथ किया गया, तो इसके रिजल्ट काफी बेहतर होंगे। बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई लगातार चर्चा में हैं। साल 2023 की शुरुआत से ही टेक्नोलॉजी जगत में एआई की चर्चा हो रही है।कभी इनकी वजह से होने वाले क्रांतिकारी बदलावों पर तो कभी इनके दुष्परिणाम पर। 
 

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