- अब सरोगेसी और बांझपन का ट्रीटमेंट भी हेल्थ इंश्योरेंस में शा‎मिल

नई दिल्ली । अब सरोगेसी और बांझपन का इलाज भी हेल्थ इंश्योरेंस में शा‎मिल कर ‎लिया गया है। बीमा नियामक इरडा (आईआरडीएआई) ने ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। अब हेल्थ इंश्योरेंस कवर में सरोगेसी भी शामिल होगी। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ने इसके लिए सभी बीमा कंपनियों को निर्देश जारी किया है। इरडा ने कंपनियों को कहा कि वे अपनी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसीज के तहत सरोगेसी के खर्चे को भी कवर करें। इस कदम से उन लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है, जो बच्चे पैदा करने के लिए सरोगेसी का विकल्प चुनते हैं। इरडा द्वारा जारी निर्देश में कहा गया ‎कि सभी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज को सरोगेरी सहित बांझपन से संबंधित उपचार की लागत को कवर करना चाहिए। इसका मतलब यह है कि हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज में अब सरोगेसी से जुड़े खर्चों को कवर किया जाएगा। इसमें सरोगेट मां का मेडिकल ट्रीटमेंट, डिलीवरी और डिलीवरी के बाद की देखभाल का खर्चा शामिल है। इस मामले में राघनल इंश्योरेंस ब्रोकर्स के डायरेक्टर और प्रिंसिपल ऑफिसर अमित गोयल ने कहा ‎कि बीमा कंपनियों को सरोगेसी और फर्टिलिटी ट्रीटमेंट की बढ़ती डिमांड के महत्व को पहचानना चाहिए। इरडा द्वारा जारी सर्कुलर एक सकारात्मक कदम है। उन्होंने कहा ‎कि हमारी कंपनी का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना होगा कि सरोगेसी प्रोसेस में शामिल सभी पार्टीज गर्भावस्था के दौरान पैदा होने वाली किसी भी अप्रत्याशित चिकित्सा जटिलताओं से सुरक्षित रहें।
सरोगेसी एक ऐसी मेडिकल प्रोसेस हैं, जहां एक महिला किसी दूसरे व्यक्ति या कपल के लिए गर्भधारण करने के लिए सहमत होती हैं। ये ऐसे कपल होते हैं, जो खुद बच्चा पैदा नहीं कर सकते। यह प्रोसेस बीते कुछ वर्षों से काफी लोकप्रिय हुई है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि बड़ी संख्या में कपल्स फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। हालांकि, सरोगेसी एक महंगी प्रक्रिया हो सकती है। कई कपल्स के लिए इस मेडिकल ट्रीटमेंट की लागत सरोगेसी कराने में एक बाधा हो सकती है। हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसीज के तहत सरोगेसी को शामिल करने के इरडा के कदम से यह प्रोसेस किफायती बनेगी। इससे उन कपल्स को काफी फायदा होगा, जो सरोगेसी के जरिए बच्चा पैदा करना चाहते हैं।


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