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दक्षिण केन्या में मानव-वन्यजीव संघर्ष में गई 11 शेरों की जान
लंदन । जैसे-जैसे इंसानों ने अपनी सीमाएं बढ़ानी शुरू की, वैसे-वैसे जंगल कम होते गए, और जंगली जानवरों के निवास पर खतरा मंडराने लगा है। इसकारण यह जानवर धीरे-धीरे कथित मानव सीमाओं में प्रवेश करने लगे हैं। इस वजह से आए दिन मानव-वन्यजीव संघर्ष की खबरें आती रहती हैं। साथ ही संघर्ष के चलते कभी कोई मानव शेर का शिकार बन जाता है, कभी शेर खुद शिकार हो जाता है। लेकिन ज्यादात्तर इसका नुकसान वन्यजीवों को ही भुगतना होता है। हाल ही में दक्षिण केन्या के इसी मानव-वन्यजीव संघर्ष ने 11 शेरों की जान ले ली है। और यह 11 शेर महज एक हफ्ते के भीतर मारे गए हैं। जिसमें एक दिन में 6 शेरों की हत्या हुई है। केन्या वाइल्ड लाइफ सर्विस के प्रवक्ता का कहना है कि एक बार में इतने शेरों को मारने की घटना पहली बार हुई है। अफ्रीका के सबसे उम्रदराज शेरों में से एक लुनकिटो को 19 साल की उम्र में पिछले हफ्ते मार दिया गया था।
वन्य जीव संरक्षण संगठन लायन गार्डियन के मुताबिक शेर संरक्षित क्षेत्र से बाहर निकला और पशुओं के बाड़ें में घुस गया था। दरअसल, वह भूख से बेहाल था, इसकारण भोजन की तलाश में वह यहां पहुंचा, लेकिन शेर को देखते ही बाड़े के मालिक ने उसे गोली मार दी थी। केन्या बीते 40 सालों के सबसे बड़े सूखे से जूझ रहा है जिसकी वजह से जानवरों को शिकार मिलना मुश्किल हो रहा है। वहीं अपने जानवरों को लगातार कम होने की वजह से बाड़े के मालिक पालतू जानवरों को बचाने के लिए लगातार निगरानी बनाए रखते हैं, जिसकी वजह से यह संघर्ष और गहरा गया है।
केडब्ल्यूएस के मुताबिक जिस दिन 6 शेरों को मारा गया, उस दिन उन्होंनें 11 बकरी और एक कुत्ते का शिकार किया था। संयुक्त राष्ट्र संघ के मुताबिक सभी शेर काजियाडो काउंडी में अंबोसेली इकोसिस्टम का हिस्सा थे, जो किलिमंजारो पर्वत के पास एक यूनेस्को बायोस्फीयर रिजर्व है। हाल ही में हुई हत्या के बाद केडब्ल्यूएस ने सरकार के प्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों के साथ एक बैठक का आयोजन किया था।
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