- क्या डिफॉल्ट होने के करीब पहुंचा अमेरिका, बाइडेन सरकार के सामने संकट

राष्ट्रपति बाइडेन ने नहीं माना विपक्षी दल का प्रस्ताव 
वाशिंगटन। दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका इन दिनों एक संकट में घिरा हुआ है। अमेरिका का राजकोषीय भंडार खत्म होने की कगार पर है। यूएस ट्रेजरी ने तीन महीने पहले ही चेतावनी दी थी कि अमेरिकी सरकार ने कर्ज (उधार) लेने की तय सीमा को पार कर लिया है। 
इसका सीधा मतलब यह है कि अमेरिकी सरकार के पास अब अपने बिलों का भुगतान करने और अपने कर्ज चुकाने के लिए खजाने में पैसे नहीं बचे हैं। ट्रेजरी की चेतावनी के बाद से ही अमेरिका लगातार कोशिश कर रहा है कि राजकोषीय भंडार को बरकरार रखा जाए, जिससे सरकार अपने बिलों का भुगतान जारी रख सके। लेकिन देश की दोनों प्रमुख पार्टियां इसका हल नहीं ढूंढ सकी हैं। 
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी पिछले हफ्ते चेतावनी दी थी कि अगर अमेरिका डिफॉल्ट होता है, तब पूरे विश्व में आर्थिक अस्थिरता आ सकती है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। आईएमएफ की कम्यूनिकेशन डायरेक्टर जूली कोजैक ने कहा, अगर अमेरिका डिफॉल्ट होता है, तब इससे केवल अमेरिका को ही नहीं बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को गंभीर परिणाम भुगतना होगा। 
पिछले सप्ताह अमेरिकी ट्रेजरी ने चेतावनी दी थी कि जून में बिलों का भुगतान करने के लिए बाइडेन सरकार के पास पैसे नहीं होगा। यूएस ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने अमेरिकी कांग्रेस को पत्र लिखते हुए सरकार को आगाह किया था कि खजाने में पैसे की कमी के कारण हम जून में अमेरिकी सरकार पर बकाया भुगतान नहीं कर पाएंगे। 
अमेरिका में कर्ज लेने की लिमिट तय है। इस बढ़ाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संसद के चार शीर्ष नेताओं को व्हाइट हाउस में तलब किया था। मंगलवार को रिपब्लिकन पार्टी के नेता और हाउस के स्पीकर केविन मैककार्थी सहित कई नेताओं के साथ बाइडेन ने बैठक की। 
यूएस ट्रेजरी ने अपने लेटर में स्पष्ट कर दिया है कि भुगतान जारी रखने के लिए सरकार को कर्ज लिमिट बढ़ानी होगी। लेकिन इस मुद्दे को लेकर अमेरिका की दोनों प्रमुख पार्टियां रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पूरी तरह से बंटी हुई हैं। राष्ट्रपति बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी कर्ज सीमा बढ़ाने के पक्ष में है। लेकिन कर्ज सीमा बढ़ाने वाला बिल काफी समय से हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में लटका हुआ है। 
दरअसल, अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स (अपर हाउस) में ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के पास बहुमत है। रिपब्लिकन पार्टी का कहना है कि हम बिल पास कर बाइडेन सरकार को सपोर्ट करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए जरूरी है, कि बाइडेन सरकार भी बजट में महत्वपूर्ण कटौती के लिए तैयार हो। वहीं, सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। बाइडन सरकार का आरोप है कि बिल पारित नहीं हो, इसके लिए रिपब्लिकन्स तिकड़म अपना कर अपने पॉलिटिकल एजेंडे को बढ़ावा दे रहे हैं। ताकि डिफॉल्ट होने की तारीख के नजदीक आने के दबाव में उनकी सरकार विपक्षी पार्टी की खर्चों में कटौती की शर्त को मान ले। 


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