- मप्र के ज्यादातर जिलों में छाए बादल

भोपाल । अरब सागर से हवाओं के साथ आ रही नमी के कारण मध्य प्रदेश के अधिकतर शहरों में बादल छाने लगे हैं। तेज हवा के साथ ही कहीं-कहीं वर्षा भी हो रही है। वर्तमान में मध्य प्रदेश के मौसम को प्रभावित करने वाली कौई विशेष मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। बादलों के कारण दिन के तापमान में काफी गिरावट दर्ज हुई। हालांकि लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी टीकमगढ़ का अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो प्रदेश में सबसे अधिक तापमान रहा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बुधवार को भी ग्वालियर, चंबल, सागर, भोपाल,नर्मदापुरम, जबलपुर, उज्जैन संभाग के जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ वर्षा हो सकती है। मंगलवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक रायसेन में 14 मिलीमीटर वर्षा हुई। राजधानी में भी अलग-अलग स्थानों पर शाम के समय लगभग 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चली। अवधपुरी, एमपी नगर में चने के आकार के ओले भी गिरे। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में अरब सागर में एक प्रति चक्रवात बना हुआ है। हवा का रुख भी पूर्वी एवं दक्षिण–पूर्वी बना हुआ है। हवाओं की औसत रफ्तार भी लगभग 20 किलोमीटर प्रति घंटा बनी हुई है। हवाओं के साथ लगातार आ रही नमी के कारण मौसम का मिजाज फिर बिगड़ने लगा है। बादल छाने लगे हैं। साथ ही प्रदेश के अधिकतर जिलों में गरज–चमक की स्थिति बनने लगी है। बुधवार को भी प्रदेश के ग्वालियर, चंबल, सागर, जबलपुर, भोपाल, नर्मदापुरम संभाग के जिलों में कहीं–कहीं वर्षा भी हो सकती है। मौसम का इस तरह का मिजाज अभी तीन–चार दिन तक बना रहने की संभावना है।मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान के आसपास ट्रफ के रूप में बना हुआ है। हालांकि इस मौसम प्रणाली के कमजोर रहने के कारण इसका विशेष असर मध्य प्रदेश के मौसम पर नहीं पड़ रहा है।

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