- छोटे व्यापारी चुन सकते हैं जीएसटी कंपोजीशन स्कीम

छोटे व्यापारी चुन सकते हैं जीएसटी कंपोजीशन स्कीम

कंपोजीशिन स्कीम को जीएसटी ने कानून में शामिल किया है
भोपाल ।छोटे व्यापारी जीएसटी का नाम सुनकर डर जाते हैं। उन्हें डरने की जरूरत नहीं है और जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी कराने की आवश्यकता नहीं। जीएसटी आपके लिए लाई गई कंपोजीशन स्कीम। 


पोजीशिन स्कीम को जीएसटी ने कानून में शामिल किया है। इससे छोटे व्यापारी, जो जीएसटी के दायरे में नहीं आते, लेकिन उन्हें जीएसटी लेना अनिवार्य है तो वह कंपोजीशन स्कीम में अपनी पंजीयन कराएं और जीएसटी के नियमों से छुटकारा पाएं।


चार्टर्ड अकाउंटेंट सुरभि जैन ने बताया कि जीएसटी की कंपोजिशन स्कीम क्या है यह भी जानना जरूरी है। हम आपको बताते हैं कि छोटे कारोबारियों को बार-बार रिटर्न दाखिल करने से राहत देने और रसीदों को इक_ा करने के झंझट से बचाने के लिए सरकार ने जीएसटी की कंपोजिशन स्कीम शुरू की है। 


कंपोजिशन अपनाने वाले व्यवसायियों को अपने सभी लेन-देनों का अलग-अलग डिटेल नहीं देना पड़ती है। अब इस तरह से समझें कि किसी व्यापारी की सालाना बिक्री अगर डेढ़ करोड़ से कम है तो आप कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं। परंतु यह निर्णय लेने से पहले कुछ जरूरी बातें का ध्यान रखना आवश्यक है। 


पान मसाला, आइसक्रीम और तंबाकू उत्पादक इस स्कीम को नहीं चुन सकते हैं, जो व्यापारी अपने राज्य से बाहर माल की बिक्री कर रहे हैं। वह भी इस स्कीम का फायदा नहीं ले सकते। यदि आप एनआरआइ की श्रेणी में आते हैं या कैजुअल टैक्सेबल पर्सन की श्रेणी में आते हैं तो इस स्कीम का फायदा नहीं ले सकते। उत्पादन या खरीद बिक्री कर रहे हैं तो एक परसेंट जीएसटी देना होगा।


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