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एक मां की तरह पौधे को भी अपने रक्त से सिंचित करना होता है : डिप्टी कलेक्टर
भिण्ड। जिस प्रकार एक मां अपने बच्चे को अपने खून और पसीने से संचित करती है, उसका युवावस्था तक ध्यान रखती है, तब जाकर वह एक वयस्क आत्म निर्भर बालक होता है । ठीक इसी प्रकार एक पौधे को भी हमें अपने बच्चे की समान अपने रक्त और पसीने से सींचना होता है, समय समय पर उसकी देखरेख करनी होती है, जल, खाद, छाया इत्यादि का ध्यान रखना होता है, तब जाकर वृक्ष यह पौधा वृक्ष का रूप लेता है और हमें दूरगामी परिणाम देता है। यह बात डिप्टी कलेक्टर पराग जैन ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सहकारिता एवं लोकसेवा प्रबंधन मंत्री डॉ अरविन्द सिंह भदौरिया ने विकासखण्ड अटेर के ग्राम सिहुंड़ा में पौधारोपण के दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। उन्होंने वृक्षों से प्राप्त ऑक्सीजन का महत्व सदस्यों को समझाया और पौधारोपण किया। वृक्षों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए समझाया कि हमें नित्य प्रतिदिन उठकर आसपास के पौधों पर कुछ समय रोज देना चाहिए जिससे कि वे वृक्ष का आकार ले सकें।
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