-अटेर क्षेत्र की ग्राम पंचायत सयावली में सरपंच के ईशारों पर सचिव, जीआरएस दे रहे फर्जीवाड़े को अंजाम, सरकारी खजाने में मचाई जा रही लूट
-सयावली पंचायत में मनरेगा मजदूरों को फर्जी तरीके से कागजों में दिखाकर, सरपंच, सचिव जीआरएस की मिली भगत से मनरेगा कार्याे में शासन को लगाया जा रहा चूना
-शशिकांत गोयल/बेजोड़ रत्न/भिंड
भिण्ड। अटेर क्षेत्र की ग्राम पंचायत सयावली में सरपंच के ईशारों पर सचिव विश्वानाथसिंह यादव, जीआरएस व इंजीनियर की मिली भगत से मनरेगा योजना के कार्यो में असल मजदूरों की फर्जी हाजिरी कागजों में लगाकर जनपद पंचायत, जिला पंचायत, शासन-प्रशासन को गुमराह करते हुए सरकारी खजाने में लूट मचाने में लगे हुए है जिसके बावजूद भी ऐसे भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही आखिर क्यों नहीं की जा रही है क्या इस खेल में और भी लोगों का हाथ मिला हुआ है, इसलिए कार्यवाही की करने की वजह ऐसे लोगों को बचाया जा रहा है। आखिर असल मजदूरों सयावली पंचायत में क्यों लाभ नहीं दिया जा रहा है, क्या मनरेगा योजना सिर्फ कागजों में चलने के लिए बनाई गई, आखिर धरातल पर इस पंचायत में मजदूर कब काम करेंगे यह सबसे बड़ा सवाल है।

इस समय रहते भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही नहीं की गई तो असल मजदूर काम की तलाश में अन्य राज्यों में कब तक पलायन करते रहेंगे। शासन की मंशा थी कि पंचायत में ही 100 दिन का रोजगार मिले ताकि उनके परिवार का भरण-पोषण हो सके और इस योजना पर सरपंच, सचिव, जीआरएस मिलकर पलीता लगाने में लगे हुए हैं।रिपोर्टर को 10 जून को सूचना मिली थी कि पंचायत में धरातल पर किसी मजदूर को रोजगार नहीं मिल रहा है सिर्फ कागजों में मजदूर काम करते हैं जिसकी रियल्टी चेक करने के लिए टीम पहुंची और देखा कि 10 जून, शनिवार सुबह 10 बजे धरातल पर ''बगिया वाली के पास एक खेल मैदान का निर्माण होते हुए दिखाया गया था, जहां सरकारी कर्मचारियों ने 100 लोगों को फर्जी मजदूर बनाकर कागजों में पेश किया गया, ताकि आगे चलाकर इनके नाम से फर्जी भुगतान कराया जा सके और इस फर्जीवाड़े को अंजाम सचिव विश्वानाथसिंह यादव, जीआरएस की मिली भगत से दिया गया है। जब रिपोर्टर ने अपने कैमरे से वीड़ियो बनाया उस वक्त एक भी पंरिदा नहीं था और संबंधित मजदूर घरोंं पर थे तो कोई भागवत सुनने के लिए ग्राम खरिका निकल गए थे और सरपंच व सचिव बोल रहे है कि सभी मजदूर बहीं पर थे, जबकि रिपोर्टर ने एक दर्जन से अधिक लोगों से चर्चा की तो किसी को खेल मैदान के बारे में पता ही नहीं था, इस तरह से खुलेआम मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगाई जा रही है।सच को दबाने के लिए सरपंच ने रिपोर्टर को डराने का किया प्रयास

रिपोर्टर के पास विगत दो दिन पूर्व अटेर क्षेत्र के सयावली सरपंच का फोन आता है कि कौन बोल रहे हो तो मैने कहा शशिकांत गोयल तो वह बोलने लगा कि शशिकांत जाटव तुम वहीं हो ना जो हमारे गांव में मर्डर हुआ था और तुम उनके साथ में रहते हो। जबकि उन या इस तरह के अपराधिक प्रवर्ति के किसी भी लोगों से मेरा कहीं भी, किसी तरह का कोई भी संपर्क नहीं है, इसके बावजूद भी वह अनर्गल ऐसा कहकर मुझे डराने का प्रयास किया एवं अपनी सरपंची के प्रबुत्त को दिखाने का नाकाम प्रयास किया। यह भाषा अपने आपमें यह सिद्ध करती है जब सच को दबाने के लिए इस तरह के सोच वाले व्यक्ति किसी भी स्तर तक जा सकते हैं कल मेरे साथ घटना, दुर्घटना या किसी झूठे केस में मुझे फसाया जाता है तो इनका ही हाथ समझा जाये।
इनका कहना है:
मुझे आपके द्वारा जानकारी मिली है अगर ऐसा किया जा रहा है तो संबंधित उपयंत्री से बोल दिया है मामले की जांच आने के बाद कार्यवाही की जायेगी।
-प्रमोदङ्क्षसह तोमर, परियोजना अधिकारी, जिला भिंड