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चुनावी साल में नहीं बढ़ेगा टाइगर रिजर्व का किराया
वन विभाग ने भेजा 10 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव भोपाल। मप्र के सभी नेशनल पार्कों में टाइगर सहित अन्य वन्य प्राणियों के दीदार के लिए अगले सीजन से पर्यटकों को ज्यादा शुल्क बढ़ाने की कवायद वन विभाग कर रहा है। हालांकि, चुनावी साल होने के चलते विभाग के आला अफसर शुल्क बढ़ाने के मूड़ में नहीं है। ऐसे में इस साल इस प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाला जा सकता है।
मप्र वन विभाग ने एक अक्टूबर से शुरू होने वाले नेचर टूरिज्म सीजन के लिए नेशनल पार्कों में एंट्री फीस 5 से 10 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। हालांकि मौजूदा सीजन में 30 जून तक पर्यटक पुरानी दरों पर ही जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे। सूत्रों के अनुसार टाइगर रिजर्व का किराया बढ़ाकर सरकार किसी तरह से आम जनता पर बोझ नहीं बढ़ाना चाहती।
6 टाइगर रिजर्व हैं प्रदेश में मप्र में 10 नेशनल पार्क हैं, जिनमें से 6 टाइगर रिजर्व भी हैं। इनमें मंडला-डिंडोरी स्थित कान्हा नेशनल पार्क, बालाघाट-सिवनी स्थित पेंच नेशनल पार्क, उमरिया-शहडोल स्थित बांधवगढ़ नेशनल पार्क, सीधी में संजय डुबरी नेशनल पार्क, होशंगाबाद में सतपुड़ा नेशनल पार्क, छतरपुर-पन्ना में पन्ना नेशनल पार्क, श्योपुर में कूनो नेशनल पार्क, शिवपुरी में माधव नेशनल पार्क, भोपाल में वन विहार नेशनल पार्क, धार में डायनासौर जीवाश्म पार्क शामिल हैं। नौरादेही अभयारण्य और वीरागंना दुर्गावती अभयारण्य को मिलाकर सातवां वीरागंना दुर्गावती टाइगर रिजर्व बनाया जा रहा है।
500 तक चुकाना पड़ता है किराया अभी टाइजर रिजर्व के कोर एरिया में एंट्री के लिए प्रति पर्यटक 400 और प्रीमियम डेट में 500 तक फीस चुकानी पड़ती है। वहीं, 6 सीटर वाहन पूरा बुक करने पर सामान्य दिनों में 2400 और प्रीमियम डेट में 3000 हजार किराया देना पड़ता है। वहीं, बफर क्षेत्र के लिए वाहन सफारी चार्ज 1200 रुपए ही है, यानी 200 रुपए प्रति व्यक्ति है। जिप्सी और गाइड फीस मिलाकर खर्च करीब 6 हजार तक हो जाता है।
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