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टाइटैनिक दिखाने गई पनडुब्बी का मलबा समुद्र तल पर मिला, कोई जिंदा नहीं बचा, सभी 5 लोगों की मौत
वाशिंगटन। टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने के लिए गहरे समुद्र में एक पनडुब्बी से गए 5 लोगों की मौत अब तय मान ली गई है। अमेरिका के एक वरिष्ठ कोस्ट गार्ड ऑफिसर ने कहा कि लापता पनडुब्बी टाइटन में सवार लोगों की अब मृत्यु हो गई । इन लोगों के खोज के लिए चलाए जा रहे विशाल अभियान को भी बंद कर दिया गया है।
अमेरिकी कोस्ट गार्ड के रियर एडमिरल जॉन माउगर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एक कनाडाई जहाज पर तैनात एक मानव रहित गहरे समुद्र के रोबोट ने गुरुवार की सुबह पनडुब्बी के मलबे की खोज की। जो करीब एक सदी पहले डूबे जहाज टाइटैनिक के मलबे से लगभग 1,600 फीट (488 मीटर) दूर और सतह से 2-1/2 मील (4 किमी) नीचे था। गौरतलब है कि कई देशों की बचाव टीमों ने अमेरिका की ओशनगेट एक्सपीडिशन द्वारा संचालित 22-फुट (6.7-मीटर) की पनडुब्बी टाइटन के किसी भी संकेत को खोजने के लिए विमानों और जहाजों के साथ हजारों वर्ग मील खुले समुद्र में कई दिन बिताए।रविवार की सुबह इस पनडुब्बी टाइटन का अपने सहायक जहाज से लगभग एक घंटे 45 मिनट बाद संपर्क टूट गया था।
जहाज पर सवार पांच लोगों में ब्रिटिश अरबपति और खोजकर्ता हामिश हार्डिंग (58), पाकिस्तान में जन्मे 48 वर्षीय व्यवसायी शहजादा दाऊद और उनके 19 वर्षीय बेटे सुलेमान, फ्रांसीसी समुद्र विज्ञानी और टाइटैनिक विशेषज्ञ 77 वर्षीय पॉल-हेनरी नार्जियोलेट और ओशनगेट के अमेरिकी संस्थापक और मुख्य कार्यकारी स्टॉकटन रश शामिल थे, जो पनडुब्बी चला रहे थे। पॉल-हेनरी नार्जियोलेट ने दर्जनों बार टाइटैनिक के मलबे का दौरा किया था।
शहजादा दाऊद और उनके 19 वर्षीय बेटे सुलेमान ब्रिटिश नागरिक थे। गौरतलब है कि टाइटैनिक 1912 में अपनी पहली यात्रा में एक हिमखंड से टकराने के बाद डूब गया था, जिसमें 1,500 से अधिक लोग मारे गए थे। उसका मलबा मैसाचुसेट्स के केप कॉड से लगभग 900 मील (1,450 किमी) पूर्व में और न्यूफ़ाउंडलैंड के सेंट जॉन्स से 400 मील (640 किमी) दक्षिण में स्थित है।
जानकारी के मुताबिक मलबे तक जाने के लिए ओशनगेट 2021 से पनडुब्बी चला रहा है और इसका किराया प्रति व्यक्ति 250,000 डॉलर है। ओशनगेट की पनडुब्बी टाइटन की सुरक्षा के बारे में 2018 में पनडुब्बी उद्योग के विशेषज्ञों की एक संगोष्ठी के दौरान सवाल उठाए गए थे। ओशनगेट के समुद्री संचालन के पूर्व प्रमुख ने एक मुकदमा भी किया था, जिसे बाद में सुलझा लिया गया था। बता दें कि अमेरिका की एक कंपनी ओशनगेट एक्सपीडिशन अपनी पनडुब्बी में 1912 में पहली ही समुद्र यात्रा में बर्फ की विशाल चट्टान से टकराकर डूबने वाले टाइटैनिक के मलबे को दिखाने का काम करती है।
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