- भ्रष्टाचार में लिप्त खनन विभाग के दो अधिकारी व एक निरीक्षक निलंबित

भ्रष्टाचार में लिप्त खनन विभाग के दो अधिकारी व एक निरीक्षक निलंबित

लखनऊ। यूपी सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति के तहत फिर भ्रष्ट व लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ हंटर चलाया है। ऐसे में सीएम योगी के निर्देश पर भ्रष्टाचार में लिप्त खनन विभाग के वरिष्ठ खान अधिकारी, खान अधिकारी और खान निरीक्षक को निलंबित किया गया। वहीं तीन खान अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। 


देर रात सचिव भूतत्व एवं खनिकर्म डॉ रोशन जैकब ने बनारस में बालू, मौरंग समेत अन्य खनिज पदार्थों के अवैध खनन एवं ओवर लोडिंग की शिकायत पर छापेमारी की। इस दौरान सोनभद्र, मीरजापुर समेत अन्य राज्यों मप्र और बिहार से आने वाले वाहनों की जांच की गयी, जिसमें बड़ी संख्या में वाहनों को सीज करते हुए पेनाल्टी वसूली गयी।


डॉ रोशन जैकब ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगातार अवैध बालू और मौरंग खनन की शिकायतें मिल रही थीं। इस पर गोंडा, गोरखपुर, गाजीपुर, बागपत, श्रावस्ती, रामपुर, गोरखपुर, महाराजगंज एवं झांसी में करीब 45 क्षेत्रों की निदेशालय के जांच दल से जांच करायी गयी थी। जिसमें 21 क्षेत्रों में परमीशन से अधिक करीब 72 हजार घन मीटर अवैध बालू का खनन पाया गया। जिन जगहों पर अवैध खनन पाया गया, वहां खनिज परिवहन पर रोक लगा दी गयी। साथ ही इनमें संलिप्त गोरखपुर के वरिष्ठ खान अधिकारी, गाजीपुर एवं बागपत के खान अधिकारियों को निलम्बित कर विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गयी है। इसके अलावा गोंडा में बालू के अवैध खनन पर खान निरीक्षक को निलंबित किया गया है।


मिरजापुर, सोनभद्र, वाराणसी में खनिजों के अवैध परिवहन एवं ओवरलोडिंग की लगातार शिकायत मिल रही थीं। इस पर भूतत्व एंव खनिकर्म सचिव के नेतृत्व में 25 सदस्यीय जांच टीम ने देर रात वाराणसी के राजातालाब, टेंगड़ा मोड़, नरायनपुर तिराहा पर औचक जांच की। जांच के दौरान सोनभद्र, मिजार्पुर समेत अन्य राज्य मध्यप्रदेश एवं बिहार से आने वाले 250 से अधिक खनिज लदे वाहनों की जांच की गयी।


बिना आईएसटीपी के खनिज का परिवहन मिलने पर उसे सीज करते हुए सम्पूर्ण खनिज की रॉयल्टी, खनिज मूल्य समेत पेनाल्टी वसूलने के निर्देश दिये गये। चेकिंग के दौरान कई वाहनों में नंबर प्लेट नहीं मिले तथा कुछ में नंबर प्लेट से छेड़छाड़ की गयी थी। इन वाहनों पर एक से अधिक खनिजों के ओवरलोड के चालान पाये गये। ऐसे वाहनों के परमिट निरस्तीकरण के लिए परिवहन विभाग के जिला स्तरीय अधिकारियों निर्देशित किया है। इस दौरान अवैध खनन, परिवहन तथा ओवरलोडिंग पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जनपदीय अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये हैं।


डॉ रोशन जैकब ने बताया कि किसानों के निजी प्रयोग के लिए अपनी भूमि से मिट्टी के खनन के लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं है। उन्हें केवल माईन मित्रा पोर्टल पर स्वपंजीकरण के आधार पर मिट्टी का उपयोग किये जाने की छूट प्रदान की गयी है।

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