- ईपीएफ खाताधारकों के हायर पेंशन के लिए अंतिम तिथि बढी

- आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 11 जुलाई, पहले यह 26 जून थी 
नई दिल्ली । कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने हायर पेंशन का विकल्प चुनने के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 11 जुलाई कर दिया है। यह समयावधि कर्मचारियों को दी गई है। नियोक्ता के लिए इसे 3 महीने और बढ़ा दिया गया है। कर्मचारियों के लिए यह तीसरा मौका है जब अधिक पेंशन का विकल्प चुनने के लिए आवेदन करने की समयसीमा बढ़ाई गई है।

 सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हायर पेंशन चुनने के लिए 3 मार्च 2023 तक का समय दिया गया था। इसके बाद इसे बढ़ाकर 3 मई कर दिया गया था। आखिरी बार इसे 26 जून तक के लिए बढ़ाया गया था। अब इसे 11 जुलाई कर दिया गया है। ईपीएफओ ने कहा कि पात्र पेंशनभोगियों, अंशधारकों को हायर पेंशन से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या का निपटान करने के लिए 15 दिनों का अंतिम अवसर दिया गया है। बयान के अनुसार कोई भी पात्र पेंशनभोगी या ईपीएफओ सदस्य जो केवाईसी अपडेट नहीं कर पा रहा और इसकी वजह से उसे ऑप्शन, जॉइंट ऑप्शन के वैलिडेशन के लिए एप्लीकेशन जमा करने में दिक्कत हो रही है तो वह तुरंत ईपीएफआई जीएमएस पर इसकी शिकायत करे। बकौल ईपीएफओ, यह शिकायत उच्च वेतन पर उच्च पेंशन लाभ में ग्रे‎विएंस केटेगरी में जाकर कर सकते हैं। इससे आगे भी किसी शिकायत के निवारण के लिए रिकॉर्ड सुरक्षित हो जाएगा।


कर्मचारी और नियोक्ता दोनों कर्मचारी की बेसिक सैलरी व महंगाई भत्ता का 12-12 फीसदी ईपीएफओ को देते हैं। कर्मचारी वाला पूरा हिस्सा ईपीएफओ के पास ही जाता है। वहीं नियोक्ता के 12 फीसदी में से 8.33 फीसदी ईपीएस (यह पेंशन फंड है) और बाकी का 3.76 फीसदी ईपीएफओ के पास जाता है। 2014 में ईपीएफ स्कीम में संशोधन किए गए और कर्मचारियों को भी अधिकार दिया गया कि वह अपनी वास्तविक वेतन या फिर अधिकतम पेंशन योग्य वेतन का 8.33 फीसदी ईपीएस में डाल सकते हैं। 2014 में अधिकतम पेंशन योग्य सैलरी 15,000 रुपए कर दी गई। उससे पहले यह 6500 रुपए थी। अगर किसी को वास्त‎विक वेतन 15000 से ऊपर निकलती हो तो वह उसका 8.33 फीसदी ईपीएस में डाल सकता है। नियोक्ता जो पहले 8.33 फीसदी हिस्सा इस फंड में डाल रहा था अब उसे अतिरिक्त 1.16 फीसदी रकम और ईपीएस में डालनी होगी। इस संबंध में पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी किया था। 

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