- देवालय घाट पर माइनिंग विभाग की टीम ने दी दबिष, पनडुब्बियों के साथ जेसीबी मषीन जप्त

देवालय घाट पर माइनिंग विभाग की टीम ने दी दबिष, पनडुब्बियों के साथ जेसीबी मषीन जप्त

अनुभाग के अंतर्गत हर खदान पर बडे स्तर पर रेत का हो रहा है अवैध उत्खनन 
2 पनडुब्बियां मौके पर माइनिंग की टीम ने की नष्ट लेकिन अनुभाग में अवैध उत्खनन जारी
डबरा (बेजोड रत्न ब्यूरो)। भले ही बरसात का मौसम शुरू हो गया हो लेकिन रेत माफिया आज भी उच्च स्तर पर सिंध नदी में पनडुब्बियों एलएनटी और जेसीबी मषीनों से रेत का अवैध उत्खनन कर रहे है जबकि मप्र सरकार से रेत के अवैध उत्खनन पर पूर्णत: रोक लगी हुई है उसके बावजूद भी रेत कारोबार से जुडे माफिया खादी और खाकी के सरंक्षण में खुले आम अवैध उत्खनन करने में लगे हुए है। हालांकि प्रदेष सरकार द्वारा जिस ठेकेदार को अनुभाग के अंतर्गत बारकरी खदान की अनुमति मिली थी लेकिन इस अनुमति की आड में रेत कारोबार से जुडे लोग कई खदानों पर अवैध उत्खनन करने से बाज नहीं आ रहे है। जिस षिकायत के चलते माइनिंग विभाग के इंस्पेक्टर राजेष कुमार गंगेले के नेतृत्व में पिछोर थाना क्षेत्र के देवालय घाट पर छापामार कार्यवाही की गई जिस कार्यवाही में माइनिंग विभाग की टीम ने कई पनडुब्बियों और एलएनटी और जेसीबी मषीनों को पकडा। 

दरअसल, अनुभाग के अंतर्गत कैथोदा, सिली-सिलेटा, रायपुर, चांदपुर, बिजकपुर, भैंसनारी घाटों पर लगातार अवैध उत्खनन जारी है। जिनकी षिकायतें माइनिंग विभाग को लगातार मिल रही थी, इन्हीं षिकायतों के चलते माइनिंग विभाग के इंस्पेक्टर राजेष कुमार गंगेले अपनी टीम के साथ पिछोर थाना क्षेत्र के कैथोदा गांव के पास देवालय घाट पर औचक दबिष दी। माइनिंग विभाग के अधिकारियों की दबिष देखते ही रेत कारोबारी मौके से भाग निकले और अधिकारियों ने दो पनडुब्बियां, एलएनटी और जेसीबी मषीन मौके से जप्त की है लेकिन माइनिंग विभाग के अधिकारी मीडिया से बचते हुए नजर आए। जब मीडियाकर्मियों ने माइनिंग इंस्पेक्टर राजेष कुमार गंगेले के मोबाइल क्र. 98939-16152 पर बात करने की कोषिष की तो उनके मोबाइल की घंटियां तो बजती रही पर उन्होनें मोबाइल उठाना उचित नहीं समझा।
प्रतिदिन लाखों रूपये की रेत चोरी......


ऐसा कोई दिन नहीं है जिस दिन अनुभाग के अंतर्गत हाइवे और शहर के अंदर सडकों पर रेत से भरी हुई ट्रॉली न देखी जा सके और रेत से भरी हुई ट्रैक्टर ट्रॉलियां आए दिन सोषल मीडिया की सुर्खियों में है लेकिन न जाने इन रेत कारोबारियों को कौन संरक्षण दिए हुए है...? लाइसेंसी और अवैध बंदूकों के साए में यह कारोबार इस क्षेत्र में कई वर्षों से फल-फूल रहा है और प्रतिदिन लाखों रूपये की रेत ये रेत माफिया चोरी कर रहे है दिखावे के लिए सिर्फ पुलिस एक-दो ट्रॉली पकडकर मीडिया की सुर्खियां बटोरती है जबकि वास्तविकता कुछ और है..? 
वर्तमान समय में मछलियां गर्भावास्था में है.......
जहां एक ओर नदियों के अंदर लाखों-करोडो जीव-जन्तु अपना विचरण करते है वहीं दूसरी ओर रेत माफिया चंद चांदी के सिक्कों की खातिर रेत को अपना व्यापार बनाते है और लाखों-करोडो जीव-जन्तुओं का जीवन खतरे में कर देते है और ऐसा कोई दिन नहीं है जिस दिन ये जीव-जन्तु इन रेत माफियाओं के कारण काल कल्वित न हो रहे हो। वर्तमान समय में मछलियां गर्भावास्था में है लेकिन उसके बावजूद भी रेत कारोबारी अवैध उत्खनन करने से बाज नहीं आ रहे है।

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