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मानसून की बेरुखी से परेशान हुए किसान.....मेंढक-मेंढकी की शादी का टोटक किया
दुमका। झारखंड के संताल परगना इलाके में जून-जुलाई में सामान्य से काफी कम बारिश होने से किसान परेशान दिख रहे है। बारिश के लिए भगवान इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए वे कभी बाबा बासुकीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में दुधारू गाय से दुग्धाभिषेक कराते हैं। तब कहीं किसान पुराने तरीके से पूर्ण विधि-विधान के साथ मेंढक-मेंढकी की शादी का अनुष्ठान करा रहे हैं।लोगों का कहना है, कि पिछले माह बासुकीनाथ धाम में सभा के सदस्यों ने दुधारू गाय से ज्योतिर्लिंग पर दुग्धाभिषेक का अनुष्ठान किया, इसके कुछ देर बाद ही बारिश शुरू हो गई। वहीं हाल में मसलिया प्रखंड के एक गांव में संताल समाज के किसानों ने परम्परागत ढंग से पूर्ण विधि-विधान के साथ मेंढक-मेंढकी की शादी कराई।
जिसकी पूरे इलाके में चर्चा हो रही है। इस अनुष्ठान के महज कुछ ही दिन के बाद बारिश शुरू होने से चिंता में डूबे किसान के चेहरे खिल उठे हैं। उसमें अब खेती योग्य अच्छी वर्षा होने की उम्मीद जगी है। जानकारी के अनुसार गोलपुर गांव में संताल समाज के किसानों ने बारिश होने की कामना को लेकर पिछले दिनों मेढ़क और मेढ़की की विधि विधान से शादी करायी। लोगों की मानें तब मसलिया प्रखंड के इस गांव में बीते दो साल से यह परंपरा शुरू की गई हालांकि एनबीटी इस तरह का प्रयोग अंधविश्वास है या आस्था इसका समर्थन नहीं करता है। क्षेत्र में बारिश नहीं होने से चिंतित किसान अनूठे तरीके से गाजे बाजे के साथ मेंढक और मेढ़की की धूमधाम के साथ शादी रचाई।
एक ओर मढ़क वर बने। एक ओर वर पक्ष की तरफ से विधि विधान के साथ बरात निकाली गयी। वहीं दूसरी ओर मेढ़की के पक्ष की ओर से शादी की सारी रस्में पूरी की गई। जानकारी के मुताबिक गोलपुर के पुड़वाद टोला निवासी राम मुर्मू की अगुवाई में वर पक्ष गाजे-बाजे के साथ वधू पक्ष के गोलपुर गांव के तालटोला निवासी ग्राम प्रधान शिवधन हेम्ब्रम के घर पहुंचे। बराती के आगमन पर कन्या पक्ष की ओर से भव्य स्वागत किया गया। संताल समाज में शादी विवाह में किये जाने वाले सभी विधि विधान के साथ मांझी थान स्थित मंडप में नायकी राम मुर्मू,जगमजी बाबुधन हेम्ब्रम ने आदिवासी रीति रिवाज से मेंढक संग मेढ़ीकी का विवाह संपन्न कराया। मेढ़क के विवाह को देखने पंचायत के कई गांवों के लोग पहुंचे थे। ग्रामीणों का कहना है कि मेढ़क और मेढ़की के विवाह सम्पन्न किये जाने से पर बारिश होने की उम्मीद बढ़ जाती है।
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