मॉस्को। यूक्रेन जंग के बीच रूस नई न्यूक्लियर सबमरीन्स बनाने जा रहा है। इन न्यूक्लियर सबमरीन्स को हाइपरसोनिक मिसाइल जिरकॉन से लैस किया जाएगा। इस बात की जानकारी रूस की सबसे बड़ी शिपबिल्डर कंपनी के हैड ने एक इंटरव्यू में दी है।
यूनाइटेड शिपबिलडिंग कॉर्पोरेशन के सीईओ एलेक्सेई राखमानोव ने बताया कि प्रोजेक्ट यासेन-एम के तहत बनने वाली मल्टी-पर्पज न्यूक्लीयर सबमरीन को जिरकॉन मिसाइल सिस्टम से लैस बनाया जाएगा। इसके लिए काम भी शुरू हो गया है।
फ्रिगेट पर पहले से तैनात है जिरकॉन
यासेन क्लास सबमरीन, न्यूक्लिर पावर्ड क्रूज मिसाइल सबमरीन है जिन्हें प्रोजेक्ट 885 एम के नाम से जाना जाता है। इस प्रोजेक्ट का मकसद सोवियत काल की न्यूक्लियर अटैक सबमरीन की जगह, आधुनिक सबमरीन को फ्लीट में शामिल करना है। रूस की मल्टी-पर्पज फ्रिगेट, एडमिरल गोर्सकोव ने इस साल की शुरुआत में जिरकॉन मिसाइल का अटलांटिक महासागर में परीक्षण किया था। जिसे अब इस फ्रिगेट पर तैनात कर दिया गया है। इससे पहले राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन इस साल कह चुके हैं कि रूस अपनी न्यूक्लियर ताकत को बढ़ाने के लिए भारी मात्रा में जिरकॉन मिसाइल की सप्लाई करेगा।