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यूपीआई ट्रांजेक्शन के जरिए तांत्रिक तक पहुंची पुलिस
नई दिल्ली । करीब छह महीने पहले हुए हेड कांस्टेबल गोपीचंद मौर्य हत्याकांड में मेरठ पुलिस ने बहुत ही चौंकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस ने बताया है कि मर्डर से पहले हेड कांस्टेबल ने उसकी हत्या करने वाले तांत्रिक को यूपीआई ट्रांजेक्शन के जरिए तीन लाख रुपये ट्रांसफर किए थे। गोपीचंद मौर्य ने ये रुपये अपनी पत्नी की हत्या करवाने के लिए दिये थे। पूरे मामले में हत्याकांड की तह तक जाने के लिए पुलिस के पास कोई सबूत नहीं था। यूपीआई ट्रांजेक्शन की डिटेल से पुलिस हत्यारे तक पहुंची। घटना स्थल से कोई वाहन मिला, ना फोन और ना ही वहां पर कोई सीसीटीवी कैमरा लगा था। यहां तक कि पुलिस को पीड़ित की डेड बॉडी भी नहीं मिली थी। ऐसे में खाली हाथ मेरठ पुलिस ने गोपीचंद मौर्य की कॉल डिटेल के साथ उसके बैंक अकाउंट की जांच भी शुरू की। जिसके बाद पुलिस को गोपीचंद मौर्य की इन कमिंग, आउट गोइंग की डिटेल मिली। इसी डिटेल में पुलिस को यूपीआई से ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली।
पुलिस को इसके माध्यम से पैसों के सभी लेन देन के बारे में पता चला। मेरठ ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक कमलेश बहादुर के मुताबिक गोपीचंद मौर्य के बैंक अकाउंट की जांच के बाद पता चला कि 26 मार्च को कुल 3 लाख रुपये का यूपीआई से ट्रांजेक्शन किया गया था। यह पैसा हस्तिनापुर में आश्रम चलाने वाले हत्या के आरोपी तांत्रिक गणेशानंद उर्फ गणपत को ट्रांसफर किया गया था। यह हेड कांस्टेबल की हत्या से पहले का सबसे आखिरी ट्रांजेक्शन था। इसके बाद पूरे मामले में पुलिस को तांत्रिक गणेशानंद उर्फ गणपत की भूमिका संदेहास्पद लगी और चित्रकूट से लौटने के बाद उसे हिरासत में ले लिया। बाद में पुलिस पूछताछ में तांत्रिक ने खुलासा किया कि आखिर क्यों उसने हेड कांस्टेबल गोपीचंद मौर्य की हत्या की। चालीस वर्षीय तांत्रिक गणेशानंद उर्फ गणपत हस्तिनापुर में एक छोटा सा आश्रम चलाता था। पुलिस पूछताछ में उसने बताया है कि गोपीचंद मौर्य पिछले एक साल से उसके संपर्क में थे। जैसा कि तांत्रिक ने पुलिस को बताया है उसके मुताबिक मौर्य ने कथित तौर पर तंत्र-मंत्र के जरिए अपनी पत्नी की हत्या कराने के लिए उससे संपर्क किया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक गोपीचंद मौर्य ने बताया था कि उसकी पत्नी के साथ संबंध अच्छे नहीं थे। हमेशा लड़ाई – झगड़े होते रहते थे। वह उससे छुटकार चाहता था। इसी की वजह से तांत्रिक ने उससे पैसे मांगे तो उसने तीन लाख रुपये दिये।
पुलिस पूछताछ में तांत्रिक ने बताया है कि उसने इससे पहले भी इस तरह के पारिवारिक केसों को डील किया है। लेकिन बाद में उसे यह लगा कि अगर गोपीचंद मौर्य का वह काम नहीं कर सका- यानी उसकी पत्नी को नहीं मार सका तो वह उससे पैसे की मांग करेगा। बाद में पैसे न लौटाने के इरादे से ही उसने हेड कांस्टेबल को मौत के घाट उतार दिया। हेड कांस्टेबल गोपीचंद मौर्य ने तांत्रिक के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के बाद जब उससे संपर्क किया तो तांत्रिक ने उसे हस्तिनापुर के सरजपुर गांव के पास गंगा के किनारे बुलाया। दोनों यहां आमने-सामने हुए। इस दौरान तांत्रिक ने उसे झूठ बोलकर उसे बातों में उलझा लिया और हेड कांस्टेबल को धोखे से उसकी मोटरसाइल समेत गंगा में धकेल दिया। मोबाइल उसके पास ही था। गोपीचंद मौर्य की बॉडी के साथ ही मोटरसाइकिल और मोबाइल भी पानी में बह गया। बाद में सर्च ऑपरेशन के दौरान मेरठ पुलिस को 12 अप्रैल को हेड कांस्टेबल की मोटरसाइकल तो मिल गई लेकिन उसका शव नहीं मिल सका।
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