नई दिल्ली । प्रगति मैदान में आयोजित जी20 शिखर सम्मलेन के प्रवेश द्वार पर दुनिया की सबसे बड़ी नटराज की मूर्ति लगाई गई है। बता दें कि इस समय जी20 की मेजबानी करने के लिए दिल्ली पूरी तरह तैयार है। विदेशी मेहमानों की खातिरदारी में कोई कमी न रहे, इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। जी20 समिट का आयोजन प्रगति मैदान के भारत मंडपम् में आयोजित होगा। भारत मंडपम् के मुख्य गेट पर अष्टधातु से बनी दुनिया की सबसे बड़ी नटराज की मूर्ति लगाई गई है। यह मूर्ति 28 फुट ऊंची है। इसका वजह करीब 20 टन बताया जा रहा है। मूर्ति को लॉस्ट वैक्स तकनीत से बनाया गया है।

नटराज मूर्ति भगवान शिव के प्रतिनिधित्व के रूप में जानी जाती है। नटराज अत्यधिक कलात्मक, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखते है। इस मूर्ति में भगवान शिव के तांडव नृत्य को प्रस्तुत किया गया है, जो ऊर्जा और शक्ति का संचार है। नटराज की मूर्ति स्वामीमलाई के पारंपरिक स्थापतियों द्वारा शिल्प शास्त्र में उल्लिखित सिद्धांतों और मापों का पालन करते हुए पारंपरिक खोई हुई मोम ढलाई प्रक्रिया में बनाई गई है, जो चोल काल, यानी 9वीं शताब्दी ईस्वी के बाद से नटराज के निर्माण में चली आ रही है।
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मूर्ति को बनाने में आठ धातुओं तांबा, जस्ता, सीसा, चांदी, सोना, पारा और लोहे का इस्तेमाल किया गया है। जी20 अध्यक्षता के समय भारत मंडपम के सामने स्थापित नृत्य के देवता शिव नटराज की 27 फीट ऊंची प्रतिमा, अब तक की सबसे ऊंची कांस्य प्रतिमा है। यह ब्रह्मांडीय नृत्य उप परमाणु में भी व्याप्त सर्वव्यापी अनंत का प्रतीक है। भगवान का यह स्वरूप धर्म, दर्शन, कला, शिल्प और विज्ञान का समन्वय है। आनंद कुमारस्वामी की पुस्तक डांस ऑफ शिव ने परमाणु भौतिकी की दुनिया में विचार की लहर पैदा कर दी। सूत्रों ने आगे बताया कि यह मूर्ति तमिलनाडु में सात महीने के रिकॉर्ड समय में बनाई गई थी।