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खुफिया मुख्यालय पर हमले का टारगेट मूसेवाला था, शातिरों ने बाद में प्लान बदला
नई दिल्ली । पंजाब के मोहाली में खुफिया मुख्यालय पर हुए रॉकेट चलित ग्रेनेड हमले में नया खुलासा हुआ है। सूत्रों की मानें तो इसका लक्ष्य दिवंगत पंजाबी गायक शुभदीप सिद्धू थे, जो सिद्धू मूसेवाला के नाम से मशहूर हैं। लेकिन अपराधियों ने अपनी योजना बदल दी, क्योंकि किसी सभा या बैठक के दौरान हमला होने पर हताहतों की संख्या अधिक होने का डर था। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, कि आरपीजी की आपूर्ति खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा ने की थी। इसका इस्तेमाल सिद्धू मूसेवाला की हत्या के लिए किया जाना था।
लेकिन बाद में योजनाओं में बदलाव आया और अपराधियों ने पंजाब पुलिस मुख्यालय को निशाना बनाने का विकल्प चुना। यह रहस्योद्घाटन जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से पूछताछ के दौरान सामने आया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, आरपीजी को अवैध रूप से पाकिस्तान की सीमा के माध्यम से भारत में तस्करी कर लाया गया था, इसमें पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी, आईएसआई को शामिल किया गया था।
सूत्रों की मानें तो रिंदा ने ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए कथित तौर पर लॉरेंस बिश्नोई गिराहे के सदस्यों को सूचीबद्ध किया था। आगे की जांच से पता चला कि भगोड़े गैंगस्टर लखबीर सिंह लांडा ने रिंदा के साथ सहयोग किया था। हरविंदर सिंह रिंदा को पहले पंजाब के नवांशहर में अपराध जांच एजेंसी कार्यालय पर ग्रेनेड हमले के साथ-साथ उसी वर्ष की शुरुआत में हरियाणा के करनाल में पाकिस्तान से जुड़े चार संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी से जोड़ा गया था। 9 मई, 2022 को मोहाली में आरपीजी हमला, पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और स्थानीय गैंगस्टरों के समर्थन से, बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) द्वारा रचित एक साजिश के रूप में सामने आया था। हमलावरों की पहचान हरियाणा के सुरखपुर गांव के दीपक और एक किशोर साथी के रूप में की गई थी।
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