चेन्नई । भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाफ विश्वकप के पहले ही मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई टीम को करारी हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में उसके एक बल्लेबाज मिचेल मार्श अपना खाता भी नहीं खोल पाये जबकि उसके पिता ज्योफ मार्श के शतक से ऑस्ट्रेलिया ने इसी चेपॉक मैदान पर 1987 विश्वकप का पहला मैच जीता था। अब 36 साल बाद भारतीय टीम ने मार्श परिवार के कारण इस मैदान पर मिली हार का बदला चुका लिया है। 1987 में भी विश्वकप का तीसरा मैच चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में खेला गया था, जिसमें ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज ज्योफ मार्श के शतक के कारण ऑस्ट्रेलियाई टीम ने एवल एक रन से भारत को हरा दिया था।
मार्श ने उस मुकाबले में 110 रन बनाए थे। मगर अब 36 साल बाद उसी मैदान पर ज्योफ के बेटे मिचेल भारत के खिलाफ विफल रहे। 1987 विश्वकप की मेजबानी संयुक्त रुप से भारत-पाक ने की थी। वहीं इस बार विश्वकप की मेजबानी अकेले भारत कर रहा है। इस बार ऑस्ट्रेलियाई टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी शुरु की पर उसके बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों विशेषकर स्पिनरों के सामने टिक नहीं पाये। इस मैच में अपने पिता की ही तरह पारी की शुरुआत करने उतरे मिचेल खाता खोल बिना ही पेवेलियन लौट गये।
32 साल के मिचेल का इरादा अपने पिता की ही तरह से शतक लगाना था पर भारतीय टीम ने उनकी एक न चलने दी और इस प्रकार इतिहास बनने से रोक दिया। मिचेल ने विश्वकप से पहले भारत के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज में अच्छी बैटिंग की थी पर इस बार जसप्रीत बुमराह की गेंद पर वह धोखा खा गये। 1987 विश्व कप में ज्योफ ने 110 रनों की पारी खेलकर ऑस्ट्रेलियाई टीम को एक बेहतर स्कोर तक पहुंचाया था।
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