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पीएम मोदी ने वर्ष 2040 तक चंद्रमा पर मानव भेजने की योजना पर दिया बल
21 अक्टूबर को होने वाली ‘गगनयान’ के क्रू एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग का लिया जायजा
बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 21 अक्टूबर को सुबह 8 बजे मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से गगनयान परीक्षण शुरू करेगा।श्रीहरिकोटा के एसडीएससी-एसएचएआर लॉन्चपैड से होने वाला यह परीक्षण उड़ान छोटी अवधि का होगा। लॉन्च व्यू गैलरी (एलवीजी) से प्रक्षेपण को देखने के लिए छात्र और आम जनता 17 अक्टूबर को 18 बजे से पंजीयन करा सकते हैं।
इधर नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 अक्टूबर को इसरो के वैज्ञानिकों के साथ एक अहम बैठक की। इस मीटिंग में 21 अक्टूबर को भारत के पहले ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन ‘गगनयान’ के क्रू एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग की तैयारियों की जानकारी ली। पीएमओ ने बताया कि भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान 2025 में लॉन्च होने की संभावना है। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों से कहा कि हमें 2035 तक अपना स्पेस स्टेशन बनाने और 2040 तक चंद्रमा पर मानव भेजने की योजना पर काम करना चाहिए। इसके साथ पीएम मोदी ने वीनस ऑर्बिटर मिशन और मार्स लैंडर पर भी काम करने को कहा।
इसरो ने सोमवार को कहा कि वह 21 अक्टूबर को सुबह 7 बजे से 9 बजे के बीच श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से एक परीक्षण यान के प्रक्षेपण के साथ ही गगनयान मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए मानव रहित उड़ान परीक्षण शुरू करेगा। इसरो ने गगनयान परियोजना के तहत मानव दल को पृथ्वी की 400 किलोमीटर की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित करके उसे भारतीय समुद्री सतह पर उतारकर पृथ्वी पर सुरक्षित रूप से वापस लाने की यान की क्षमता का आंकलन करने और मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करने की परिकल्पना की है।
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