भोपाल । साल का आखिरी (खंडग्रास) चंद्रग्रहण शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को रहेगा। इसके बाद राहु-केतु के राशि परिवर्तन से जल, थल और नभ में उथल-पुथल मचेगी। विदेशी व्यापार के साथ महंगाई में वृद्धि होगी। धार्मिक, आध्यात्मिक, साधनाएं बढ़ेंगी। मंगल की राशि में होने से युद्ध, भीषण अग्निकांड, सडक़ दुर्घटना की आशंका रहेगी। ज्योतिर्विद पं अजयकृष्ण शंकर व्यास के अनुसार 28 अक्टूबर को चंद्रग्रहण मेष राशि अश्विनी नक्षत्र में लग रहा है।
जिसका समय 11.31 बजे रात से शुरू होगा और 29 अक्टूबर को सुबह 3.36 पर खत्म होगा। भारत में चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर अलसुबह 1.45 बजे अपने चरम पर होगा। ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, एशिया, हिंद महासागर, अटलांटिक पर चंद्रग्रहण जरूर रहेगा। दक्षिण राज्यों सहित भारत में भी प्रभाव देखा जा सकता है। भारत में साल का आखिरी व दूसरा चंद्र ग्रहण गुवाहाटी, रांची, पटना, सिलिगुड़ी और कोलकाता समेत देश की राजधानी दिल्ली में भी दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण भारत में दिखने के कारण इस अवधि में सावधानी बरतनी होगी।
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