* कार्यक्रम स्थलों में निभा रही अहम भूमिका
कोरबा जिले के अलग-अलग क्षेत्र में स्थित दुर्गा पंडालों में महिला बाउंसरों देख सकते हैं, जहां युवकों के साथ-साथ युवतियां भी बाउंसर की भूमिका में नजर आ रही। वे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने पर रोकथाम में लगी हुई है। उनकी मौजूदगी से असामाजिक तत्वों के हौसले पस्त हैं।
महानगरों में किसी भी प्रकार के आयोजन होने पर सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी निजी सुरक्षा कंपनी को सौंपी जाती है, जो कार्यक्रम स्थल पर अपने कर्मचारी उपलब्ध कराते हैं। इन कर्मचारियों की वेशभूषा सुरक्षा कर्मियों से हटकर होती है। उन्हें आमभाषा में बाउंसर कहा जाता है। कोरबा में भी इस बार दुर्गा एवं दशहरा पूजा के दौरान महानगरों के तर्ज पर सुरक्षा के लिए बाउंसरों की मदद ली जा रही है।
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इस बार विधानसभा चुनाव की वजह से पुलिस अफसरों के लिए पर्याप्त बल उपलब्ध करा पाना संभव नहीं है। सुरक्षा के तैनात जवानों की संख्या बेहद कम है। ऐसे में पूजा समितियों ने बाउंसरों की मदद लेने का फैसला किया। इसके लिए समिति के पदाधिकारियों ने पीएसएस सुरक्षा व बाउंसर एजेंसी के संचालक जयराम सिंह से संपर्क साधा। उन्होंने समितियों से चर्चा उपरांत एम.पी. नगर, आर.पी. नगर फेस वन, बालको, कटघोरा सहित करीब आधे दर्जन कार्यक्रम स्थलों में बाउंसरों की ड्यूटी लगाई है, इनमे करीब एक दर्जन महिला बाउंसर शामिल हैं, जो देर रात तक चलने वाली गरबा, डांडिया सहित अन्य कार्यक्रमों में सह कर्मियों के साथ सुरक्षा की कमान संभाल रही है। वे कार्यक्रम स्थलों में पैनी नजर रखती है। किसी प्रकार से गड़बड़ी की सूचना मिलने या फिर नजर आने पर तत्काल मौके पर पहुंच रोकथाम में जुट जाती हैं। पुरुष के साथ साथ महिला बाउंसरों की मौजूदगी से असमाजिक तत्व कार्यक्रम में गड़बड़ी करने की हिम्मत नही जुटा पा रहे।
* पुलिस के लिए बड़ी राहत
प्रदेश में होने वाली विधानसभा चुनाव के लिए अलग-अलग क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती की गई है। जिससे कार्यक्रम स्थलों पुलिस जवानों की संख्या सीमित है। उनके लिए पूरे समय कार्यकम स्थल पर नजर रख पाना संभव नहीं है। ऐसे में बाउंसरों की तैनाती से न सिर्फ गड़बड़ी रोकने में मदद मिल रही, बल्कि कोई अन्य घटना घटित होने पर भी उनकी मदद ली जा सकती है।