- भाजपा ने आरक्षण का झांसा देकर मराठा, ओबीसी, धनगर समाज को धोखा देने का काम किया है- नाना पटोले

भाजपा ने आरक्षण का झांसा देकर मराठा, ओबीसी, धनगर समाज को धोखा देने का काम किया है- नाना पटोले

- मुख्यमंत्री शिंदे कुछ नहीं कर सकते, उनका रिमोट कंट्रोल भाजपा के हाथ में
मुंबई, । भारतीय जनता पार्टी ने साल 2014 में सत्ता में आने से पहले मराठा, आदिवासी, धनगर, हलबा और ओबीसी समुदायों को आरक्षण देने का आश्वासन दिया था लेकिन अब 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद भी इन वादों को पूरा नहीं किया गया है। यह सब इसी का नतीजा है कि आरक्षण का मुद्दा अब गहराता जा रहा है और भाजपा के खिलाफ लोगों में तीव्र आक्रोश है। लेकिन सरकार जनभावना को नहीं समझ रही है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पता नहीं कि कल उनकी कुर्सी रहेगी या नहीं। ऐसे में उन्होंने आरक्षण को लेकर जो वचन दिया है, उसका कोई महत्व नहीं रह जाता है। 
BJP hoodwinking both Marathas and OBCs over reservation issue, says Patole  - The Hindu


केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार अंधी और बहरी हो गई है। जब तक यह सरकार नहीं हटेगी आरक्षण का मुद्दा हल नहीं होगा। ऐसा हमला महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नाना पटोले ने किया है।इस संबंध में बोलते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि सरकार ने मनोज जरांगे पाटिल से मराठा आरक्षण के मुद्दे को हल करने के लिए एक महीने समय मांगा था। पाटिल ने सरकार को 40 दिन का समय दिया था लेकिन यह समय सीमा भी समाप्त हो गई और सरकार आरक्षण का मुद्दा नहीं सुलझा सकी। नतीजतन विवश होकर पाटिल को फिर से भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा है। इससे  एक बार फिर पता चला है कि राज्य सरकार आरक्षण को लेकर गंभीर नहीं है।
Maharashtra: 'Congress Will Give Reservation To All, But BJP Won't,' Says  Patole Amid Maratha Quota Row


 पटोले ने कहा कि प्रदेश और केंद्र की भाजपा सरकार झूठ बोलकर सत्ता में आने वाली सरकार है। आज शाहू, फुले, आंबेडकर के महाराष्ट्र में जानबूझकर ओबीसी और मराठों, धनगरों और आदिवासियों के बीच टकराव पैदा करने की कोशिश कर रही है।महाराष्ट्र में सत्ता में आने के बाद देवेन्द्र फडणवीस ने पहली ही कैबिनेट बैठक में धनगर समुदाय को आरक्षण देने का वादा किया था। आज 9 साल के बाद उस वादे का क्या हुआ? ये फडणवीस ही थे दहाड़ते हुए कहा था कि मुझे शक्ति दीजिए। हम एक महीने में मराठा आरक्षण देंगे। सत्ता में वापस आए फडणवीस को डेढ़ साल हो गए हैं लेकिन वे अपने वादे भूल गए हैं। इस सरकार ने ओबीसी के राजनीतिक आरक्षण को लेकर भी लोगों को फंसाने का काम किया है। इसलिए डेढ़ साल से स्थानीय निकायों के चुनाव नहीं हुए हैं। स्थानीय स्वशासन निकायों को जनप्रतिनिधियों की जगह प्रशासकों द्वारा चलाया जा रहा है। जिससे विकास कार्य ठप हो गये हैं। आरक्षण कई समुदायों की मांग है, अगर उनकी मांग पूरी करनी है तो जातिवार जनगणना कराई जानी चाहिए और आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा हटा दी जानी चाहिए। कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने इस पर एक प्रस्ताव पास कर  ऐसी ही मांग केंद्र सरकार से भी की है। 
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अगर सरकार आरक्षण देना चाहती तो केंद्र सरकार संसद के विशेष सत्र में यह सीमा हटा सकती थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। भारतीय जनता पार्टी जातिवार जनगणना का विरोध कर रही है। इससे एक बार फिर भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने आया है। नाना पटोले ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने छत्रपति शिवाजी महाराज की शपथ लेकर कहा  है कि वे मराठा समुदाय को आरक्षण देंगे, लेकिन जनता को शिंदे की बातों पर भरोसा नहीं है।  शिंदे सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने ही जरांगे पाटिल को भी वचन दिया था लेकिन उन वादों को पूरा नहीं किया गया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर अयोग्यता की तलवार लटक रही है। उन्हें मराठा समुदाय के आरक्षण से ज्यादा अपनी कुर्सी को बचाने की  चिंता है। इसलिए ऐसा नहीं लगता कि वे आरक्षण देने के मामले में कुछ करेंगे। मराठा आरक्षण बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले शिंदे ने कहा था कि वे सिर्फ अपनी बात करके खाली हो जाना चाहते हैं। पटोले ने मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि वह कुछ नहीं कर सकते क्योंकि उनका रिमोट कंट्रोल भाजपा के हाथ में है। 
Caste reservation issue will be resolved when Congress comes to power:  Patole | Mumbai News - The Indian Express

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