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अमेरिकन कंपनियां टैक्स हेवन देशों में पैसा भेजकर टैक्स बचाती हैं
अमेरिकी कंपनियों ने 83 लाख करोड का मुनाफा बाहर भेजा
न्यूयॉर्क। अमेरिका की मल्टीनेशनल कंपनियां टैक्स हेवंस देश में अरबो रुपए का मुनाफाकमाती है। टैक्स हेवन देश में टैक्स की दर बहुत कम होती है। वहां मुनाफा ज्यादा बताकर कमाई को बिना टेक्स चुकाये वह अपनी मूल कंपनी में भेज देती हैं।
आईआरएस के अनुसार माइक्रोसॉफ्ट को अमेरिका में 2.41 लाख करोड रुपए टैक्स देना है। टैक्सेशन इकोनामी पॉलिसी इंस्टीट्यूट के अनुसार बरमूडा, कैमन, आयरलैंड और आयरलैंड जैसे टैक्स हेवनस में कुछ कर्मचारियों के होने पर भी अमेरिका की कंपनियों ने अरबों डॉलर का मुनाफा दिखाया है। 2019 में अमेरिकी कंपनियों ने बरमूडा में 2.56 लाख करोड रुपए का लाभ दर्शाया है। जो वहां कर्मचारियों की संख्या के हिसाब से प्रति कर्मचारी 300 करोड रुपए की कमाई के रूप में होता है।
मल्टीनेशनल कंपनियों द्वारा टैक्स हेवन देश में अपने कार्यालय खोलकर और कुछ कर्मचारी रखकर इस तरह से अकाउंटिंग की जाती है। जिससे ज्यादा से ज्यादा कमाई टैक्स हैवेन देश में पंजीकृत कंपनियों की कमाई से आती है। बाद में इस कमाई को ट्रांसफर करके और टैक्स बचाने का काम मल्टीनेशनल कंपनियां कर रही हैं। जिसके कारण विकसित और विकासशील देशों को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। मल्टीनेशनल कंपनियों द्वारा इस तरह से टैक्स बचाने के कारण विकसित राष्ट्रों की आर्थिक स्थिति दिनों दिन खराब होती जा रही है।
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