- गोहद का खेल मैदान दिन में लव पॉइंट, रात में मयखाना बना

गोहद का खेल मैदान दिन में लव पॉइंट, रात में मयखाना बना

गोहद। गोहद में निवासरत हर युवा पुरानी कचहरी के पीछे स्थित फील्ड को खेल मैदान के रूप में पहचानते है और गोहद के 70 के दशक के लोगों के जेहन में इस मैदान को लेकर यादें भी हैं, लेकिन अब यह मैदान खेलकूद से ज्यादा समाज में अमान्य कार्यों के लिए ज्यादा चर्चित है। इस मैदान के 800 मीटर के दायरे में गोहद नगर के प्रमुख शिक्षा के संस्थान हैं और यहां हजारों विद्यार्थी पढ़ने आते हैं। आस-पास कोई स्थान न होने से यहां सदैव जमावड़ा लगा रहता है, इसके साथ ही सूर्यास्त होते ही यहां सुरा प्रेमियों का जमावड़ा शुरू हो जाता है। यहां बैठने वालों का गाली गलौज करना यहां से निकलने वाली महिलाओं पर फब्तियां कसना, अश्लील हरकतें करना आम बात है, जिससे महिलाओं और बच्चों को यहां से गुजरना खतरे से खाली नहीं है। इस रास्ते से माणिक चौक, ब्रह्मपुरी, पण्डा वाली गली, कालियाकंत का मन्दिर आदि मोहल्ला में निवास करने वाले लोग गुजरते हैं। उक्त स्थान पुरातत्व विभाग के अधीन है, इस मैदान की चाहरदीवार कर गेट भी लगाया गया, लेकिन इसके बाद भी गैर सामाजिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं।
इनका कहना है-
फील्ड पर असमाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है, अगर प्रशासन सक्रीय नहीं हुआ तो यहां गंभीर घटना घट सकती है।
जुगल सोनी, व्यापारी गोहद
गोहद नगर में पुलिस की कार्यप्रणाली समझ से परे है, गोहद थाने का गश्ती वाहन सायरन बजाकर निकलता है, लेकिन फिर भी गैर सामाजिक गतिविधियों पर अंकुश नहीं।
सौरभ पाण्डे, गोहद
गोहद की जनता की शांति व सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है, व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए वचनबद्ध हूं।
राजेश शर्मा, थाना प्रभारी गोहद
गोहद का खेल मैदान दिन में लव पॉइंट, रात में मयखाना बना 
गोहद। गोहद में निवासरत हर युवा पुरानी कचहरी के पीछे स्थित फील्ड को खेल मैदान के रूप में पहचानते है और गोहद के 70 के दशक के लोगों के जेहन में इस मैदान को लेकर यादें भी हैं, लेकिन अब यह मैदान खेलकूद से ज्यादा समाज में अमान्य कार्यों के लिए ज्यादा चर्चित है। इस मैदान के 800 मीटर के दायरे में गोहद नगर के प्रमुख शिक्षा के संस्थान हैं और यहां हजारों विद्यार्थी पढ़ने आते हैं। आस-पास कोई स्थान न होने से यहां सदैव जमावड़ा लगा रहता है, इसके साथ ही सूर्यास्त होते ही यहां सुरा प्रेमियों का जमावड़ा शुरू हो जाता है। यहां बैठने वालों का गाली गलौज करना यहां से निकलने वाली महिलाओं पर फब्तियां कसना, अश्लील हरकतें करना आम बात है, जिससे महिलाओं और बच्चों को यहां से गुजरना खतरे से खाली नहीं है। इस रास्ते से माणिक चौक, ब्रह्मपुरी, पण्डा वाली गली, कालियाकंत का मन्दिर आदि मोहल्ला में निवास करने वाले लोग गुजरते हैं। उक्त स्थान पुरातत्व विभाग के अधीन है, इस मैदान की चाहरदीवार कर गेट भी लगाया गया, लेकिन इसके बाद भी गैर सामाजिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं।
इनका कहना है-
फील्ड पर असमाजिक तत्वों का जमावड़ा रहता है, अगर प्रशासन सक्रीय नहीं हुआ तो यहां गंभीर घटना घट सकती है।
जुगल सोनी, व्यापारी गोहद
गोहद नगर में पुलिस की कार्यप्रणाली समझ से परे है, गोहद थाने का गश्ती वाहन सायरन बजाकर निकलता है, लेकिन फिर भी गैर सामाजिक गतिविधियों पर अंकुश नहीं।
सौरभ पाण्डे, गोहद
गोहद की जनता की शांति व सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी है, व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए वचनबद्ध हूं।
राजेश शर्मा, थाना प्रभारी गोहद

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