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जमानत भी हथियार बन गया है,एकजुटता से करें मुकाबला: सिब्बल
नई दिल्ली। देश के जाने वाले वकील कपिल सिब्बल ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े किए है। उन्होंने कहा कि ईडी की कार्रवाई को देखकर लगता है कि पीएमएलए कानून के कोई मायने बचे नहीं हैं। अदालतों को धन शोधन रोकथाम अधिनियम के हो रहे दुरुपयोग को लेकर सतर्क रहने की जरुरत है। वजह ये है कि ईडी विपक्षी नेताओं पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है, किसे जमानत देना है और किसे नहीं देना है ये सरकार और ईडी मिलकर तय करते हैं। जमानत को भी हथियार की तरह उपयोग किया जा रहा है। इसका मुकाबला समूचे विपक्ष को मिलकर करना होगा।
विपक्षी नेताओं की प्रमुख आवाज और वरिष्ठ वकील सिब्बल ने ‘एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘केजरीवाल को ईडी ने समन किया है। ईडी लगभग सभी विपक्षी दलों के नेताओं को निशाना बना रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ईडी और नेताओं को जमानत से इनकार सरकार के हाथों में नया राजनीतिक हथियार बन गया है। समय आ गया है कि अदालतें अब पीएमएलए के घोर दुरुपयोग पर जाग जाएं।उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति मामले में जमानत नहीं दिए जाने के बाद मंगलवार को एक अन्य पोस्ट में सिब्बल ने कहा था कि ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (‘इंडिया गठबंधन) को एक स्वर में आवाज उठानी चाहिए क्योंकि सभी विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा था, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने सिसोदिया की जमानत खारिज कर दी। प्रक्रिया ही सजा है। सभी विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है।
उन्हें जेल भेजो, सबूत बाद में आ सकते हैं। ‘इंडिया गठबंधन को निश्चित रूप से इस पर एक स्वर में बोलना चाहिए।
आबकारी नीति मामले में ईडी ने अब तक दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार किया है। यह पहली बार है जब ईडी ने केजरीवाल को समन किया है। इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अप्रैल में उनसे पूछताछ की थी। सिब्बल संयुक्त प्रगति गठबंधन के पहले और दूसरे कार्यकाल के दौरान केंद्रीय मंत्री थे। उन्होंने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी और समाजवादी पार्टी के समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा सदस्य के तौर पर चुने गए। उन्होंने ‘इंसाफ नाम से एक गैर-चुनावी मंच भी बनाया है जिसका लक्ष्य अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ना है।
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