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जनता से सीधे संपर्क में होने के कारण विधायक की जबावदेही ज्यादा : सतीश महाना
लखनउ। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका की अपनी भूमिकाएं होती हैं, लेकिन जनता से विधायक का सीधा संपर्क होने के कारण उसके प्रति जवाबदेही विधायक की रहती है।महाना ने कहा कि जनता जिसे चुन कर भेजती है, तब उसका अपने विधायक से सवाल करने का भी अधिकार होता है। लेकिन पिछले कुछ दशकों में विधायिका के प्रति नकारात्मक धारणा बनाई गई। इस बदलने का प्रयास वह कर रहे हैं। उनका प्रयास है कि जनता इस बात को समझे कि विधायक की विधानसभा में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि पिछले कई वर्षों से जनता का विधानसभा से कभी कोई सम्पर्क ही नहीं बना। उस भी दूर करने का प्रयास कर रहा हूं।
इससे वह अपने विधायक की भूमिका को जान सकें। धीरे-धीरे अब जनता को इस बात का अहसास होने लगा है कि लोकतंत्र में विधायिका की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण होती है। अब वह अपने विधायक की भूमिका को जान रही है। इसकारण पिछले कुछ समय से आम जनमानस में विधायिका के प्रति नकारात्मक धारणा खत्म होती दिख रही है।कई प्रधानाचार्यों ने विधानसभा के बारे में महाना से सवाल किए तब उन्होंने बताया कि नियमों के तहत ही कोई सदस्य सदन में बोल सकते हैं। इसके अलावा अब विधानसभा में विधायकों के सवालों को ऑनलाइन किए जाने की व्यवस्था की गई है। सदन में उठाए गए मामले संबंधित विभाग को तुरंत भेजे जाते हैं
पर पहले इसतरह के मामलों में उदासीनता देखने को मिली थी। महाना ने प्रधानाचार्य को विधानसभा के गौरवमयी इतिहास, सदन की कार्यवाही, संचालन एवं पुस्तकालय आदि के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि आप लोग यहां से जाकर छात्राओं को इसके बारे में बताएं। यहीं नहीं उन सबको यहां भ्रमण कराने का कार्य करें जिससे वह अपनी विधानसभा पर गर्व कर सकें। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के आमंत्रण पर यूपी प्रधानाचार्य परिषद के तत्वावधान में प्रधानाचार्यों के दल में 30 प्रधानाचार्य शामिल थे। उनमें 10 महिला प्रधानाचार्य भी शामिल थीं।
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