नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूछताछ के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बुलाया था। हालांकि दिल्ली के मुख्यमंत्री गुरुवार ईडी के दफ्तर नहीं पहुंचे। उन्होंने लेटर लिखकर ईडी को अपना जवाब भेजा है। इसे लेकर भाजपा ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोला है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ईडी के प्रश्नों का जवाब देने व सच्चाई का सामना करने से भाग रहे हैं। ईडी के सामने पेश नहीं होकर उन्होंने आबकारी घोटाला में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली है।

यदि वह भ्रष्टाचार नहीं किए हैं तो डर क्यों रहे हैं? वह आबकारी घोटाला के किंगपिन हैं, इसलिए बच नहीं सकते हैं। केजरीवाल को जांच एजेंसियों, अपने लोगों, चुनाव प्रणाली, कानून किसी पर विश्वास नहीं है। तीन दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ जमानत याचिका नामूंजर करते हुए जिस तरह से टिप्पणी की है उससे स्पष्ट होता है कि आबकारी घोटाले में 338 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने ईडी को लिखे पत्र में पूछा है कि उन्हें व्यक्तिगत या मुख्यमंत्री या आम आदमी पार्टी के संयोजक किस हैसियत से पूछताछ लिए बुलाया गया है?

इस तरह के प्रश्न करने की जगह उन्हें बताना चाहिए कि क्या वह कानून से ऊपर हैं या भगवान हैं कि उनसे पूछताछ नहीं हो सकती है। वह भ्रष्टाचार के स्रोत हैं, इसलिए उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है। केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा है कि सांसद मनोज तिवारी को कैसे पता चला कि ईडी ने उन्हें समन भेजा है और उनकी गिरफ्तारी होगी। इस तरह के प्रश्न उठाने की जगह उन्हें बताना चाहिए वह सिसोदिया व संजय सिंह की गिरफ्तारी होने की बात किस आधार पर करते थे? क्या उन्होंने ईडी को सिसोदिया को गिरफ्तार करने की बात कही थी? सुप्रीम कोर्ट ने जल्द इस मामले की सुनवाई पूरी करने को कहा है। इस कारण ईडी उनसे पूछताछ करना चाहती है। जांच में असहयोग कर वह मनीष सिसोदिया को जेल के अंदर रखना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने दीपावली व पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की बात कर पूछताछ में शामिल नहीं होने की बात कर रहे हैं। फिर तो उनसे कभी पूछताछ नहीं हो सकती है क्योंकि आने वाले समय में कई त्योहार और उसके बाद लोकसभा चुनाव है। पहले चंद कागज के टुकड़े लेकर नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले केजरीवाल अब जांच एजेंसी के समन को गलत बता रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से आबकारी नीति में शराब ठेकेदारों का कमीशन बढ़ाने, आबकारी विभाग की समिति की सिफारिश के बावजूद थोक कारोबार निजी हाथ में देने, कैबिनेट की मंजूरी के बिना शराब ठेकेदारों का 144 करोड़ रुपये माफ करने, शराब बनाने वाली कंपनियों को खुदरा कारोबार में अनुमति देने, एयरपोर्ट पर ठेका नहीं खुलने पर ठेकेदार को जमानत राशि वापस देने और नई आबकारी नीति वापस लेने का कारण बताने को कहा।