नई दिल्ली। एनडीए के खिलाफ तैयार हुए गठबंधन धीरे धीरे लठबंधन में बदलने लगा है। बैठकों के बीच चलने वाले सियासी घमासान अब सड़क पर दिखाई देने लगे हैं। पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव कांग्रेस पर बरसे तो अब वामपंथी,टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनजी पर गुस्सा निकाल रहे हैं। भाजपा को शिकस्त देने के लिए बनाए गए विपक्षी गठबंधन इंडिया में अभी से एकता की कमी दिखाई दे रही है। एक तरफ ये पार्टियां लोकसभा चुनाव में साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात करती हैं तो दूसरी तरफ राज्यों में आपस में ही खींचतान लगी है। सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी साफ कर दिया है कि राष्ट्रीय स्तर पर वे विपक्षी दलों के साथ रहेंगे लेकिन बात जब पश्चिम बंगाल की आएगी तो टीएमसी के साथ उनका गठबंधन नहीं हो सकता।
येचुरी ने भाजपा और संघ को निशाने पर लेते हुए कहा कि आप सामाजिक ढांचे पर हमला करते हैं। एक झूठे तंत्र में विश्वास करने के लिए बाध्य करते हैं। अंध आस्था की वजह से ही फांसीवाद पैदा होता है। हालांकि उनको केवल उसी चीज की जरूरत है। वे लोगों का ध्यान बांटना चाहते हैं। हमें पता है कि दक्षिणपंथियों ने इस तरह का माहौल लोगों को गुमराह करने के लिए पैदा किया है। केंद्र की सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, अब हम एक लोकतंत्र में नहीं हैं। हम एक चुनावी तानाशाही में जी रहे हैं। हम सबको वह अमृत लाना है देश की जनता के हित के लिए। यही आज भारत के लोगों का सबसे बड़ा कर्तव्य है। हावड़ा में हुई पार्टी की पश्चिम बंगाल समिति की बैठक के बाद के सीताराम येचुरी ने कहा, आज हमारा राजनीतिक और वैचारिक प्रोजेक्ट यही है कि सेक्युलर और लोकतांत्रिक सिद्धातों की रक्षा की जाए और बेहतर भविष्य बनाया जाए। इसके लिए सभी गैरभाजपाई पार्टियों को एकजुट होना होगा।
एक पार्टी के सदस्य के सवाल पर येचुरीक ने कहा, यह बात स्पष्ट है कि टीएमसी भाजपा का विकल्प नहीं हो सकतीहै। हमें केवल देश और यहां के लोगों को बचाने के बारे में विचार करना है। हमें भाजपा को राज्य और केंद्र की सत्ता से हटाना है। उन्होंने कहा कि टीएमसी ने भाजपा के अगुआई वाले एनडीए के साथ भी समझौता किया था इसीलिए आज यह स्थिति आ गई है। टीएमसी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर येचुरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मौजूदा सरकार लोकतंत्र विरोधी है। इसने लोकतांत्रिक चुनावों के पूरे तंत्र को खराब कर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा को हटाना जरूरी है लेकिन राज्य में भी लोकतांत्रिक व्यवस्था बनाना जरूरी हो गया है। इसके लिए टीएमसी विकल्प नहीं हो सकती।
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