नई दिल्ली। पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों का सामना कर रही टीएमसी सांसद महुआ मोहत्री की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं है। उनकी सांसदी जाना लगभग तय माना जा रहा है। उन्होंने जिस तरह से गलती पर गलती की है उसे देखकर नहीं लगता कि उनके बच निकलने के कोई चांस हैं। बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी की सांसद मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए हीरानंदानी समूह के सीईओ दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मोइत्रा के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक जांच समिति गठित करने का आग्रह किया था। एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने बताया कि ‘रिपोर्ट स्वीकार कर ली गई है। कुछ सदस्यों ने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन बहुमत रिपोर्ट को अपनाने के पक्ष में था। अब रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को भेजी जा रही है।’
सोनकर ने कहा कि छह सदस्यों ने मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश के पक्ष में और चार सदस्यों ने विरोध में मतदान किया। पैनल की सदस्य भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी के मुताबिक पंजाब के पूर्व सीएम और भाजपा नेता अमरिंदर सिंह की पत्नी कांग्रेस सांसद परनीत कौर ने मोइत्रा के निष्कासन के पक्ष में मतदान किया। परनीत कौर पर सोनकर ने कहा कि ‘जो लोग सच्चाई के लिए हमारे साथ हैं, मैं उनका स्वागत करता हूं। संसद की गरिमा बचाने के लिए यह अच्छा संकेत है। यह उनका स्वागत योग्य कदम है।’ फरवरी में कौर को कांग्रेस ने इस आरोप में निलंबित कर दिया था कि वह पंजाब में भाजपा की मदद कर रही थीं। उनके पति अमरिन्दर सिंह और बेटी जय इंदर कौर पिछले साल भाजपा में शामिल हुए थे।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी कहा कि परनीत कौर ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कोई समझौता नहीं किया। उन्होंने एक्स पर लिखा कि ‘पंजाब हमेशा भारत की पहचान और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खड़ा रहा है। आज फिर कैप्टन अमरिन्दर सिंह जी और कांग्रेस पार्टी की सांसद परनीत कौर जी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कोई समझौता नहीं किया। भारत पंजाब के बहादुर लोगों का हमेशा आभारी था, है और रहेगा।’ गौरतलब है कि 2 नवंबर को महुआ मोइत्रा कथित ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ मामले में लोकसभा आचार समिति के सामने पेश हुईं और बाद में यह कहते हुए बैठक से बाहर चली गईं कि सवाल ‘स्क्रिप्टेड और गंदे’ थे।
लोकसभा की आचार समिति ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘कैश फॉर क्वेरी’ आरोपों की जांच के मामले में उन्हें सांसद पद से निष्कासित करने की सिफारिश की है। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि संसदीय पैनल ने कहा है कि महुआ मोइत्रा का आचरण ‘अनैतिक और जघन्य’ प्रकृति का था। एथिक्स पैनल के सुझावों के मुताबिक मोइत्रा ने ‘गंभीर गलतियां’ की थीं। पैनल के सूत्रों ने कहा कि समिति ने केंद्र सरकार द्वारा समयबद्ध तरीके से गहन, कानूनी और संस्थागत जांच की भी सिफारिश की है।