रेक्जाविक। भूकंप के एक ही झटका लोगों को दहशत में ला देता है। सोचिए अगर कहीं भूकंप के आठ सौ झटके आ जाएं, वहां भी मात्र 14 घंटे के अंदर तब वहां के लोगों का क्या हाल होगा। कुछ ऐसा ही हुआ है आइसलैंड में, जहां इसी सिलसिलेवार अंदाज में भूकंप आया। भूकंप को ज्वालामुखी का असर बताया जा रहा है, जिसने देश के दक्षिणी-पश्चिमी हिस्से को हिला डाला। सिविल प्रोटेक्शन और इमरजेंसी मैनेजमेंट ने कहा गया है कि नेशनल पुलिस चीफ ने इमरजेंसी घोषित की है।
प्रशासन ने कहा कि फिलहाल हो भूकंप आ रहे हैं, इनसे भी ज्यादा बड़े भूकंप आ सकते हैं। आइसलैंडिक मेट ऑफिस (आईएमओ) ने भी इस लेकर चेतावनी जारी की है। इसके मुताबिक कुछ दिनों में फिर भूकंप का झटका आ सकता है। जिस विलेज ऑफ ग्रिंडविक करीब तीन किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है। यहां पर 4000 लोग रहते हैं। स्थानीय समयानुसार 1730 पर भूकंप के दो तगड़े झटके महसूस किए गए। यह झटके इतने तगड़े थे कि 40 किमी दूर राजधानी रेक्जाविक तक महसूस किए गए। इसके चलते देश के दक्षिणी हिस्से में खिड़कियां और घर में रखी चीजें भी टूट गईं। आईएमओ के शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक इसमें सबसे बड़ा झटका 5.2 मैग्नीट्यूट का था।
पुलिस ने भूकंप के झटकों के चलते खराब हुई एक सड़क को बंद कर दिया। आईएमओ के मुताबिक बीते अक्टूबर से अभी तक यहां पर 24000 भूकंप के झटके आ चुके हैं। इसमें 800 झटके शुक्रवार को आधी रात के बीच दर्ज किए गए। बताया जाता है कि इन सभी का केंद्र जमीन से करीब 5 किलोमीटर अंदर था। भूकंप आने के बाद ग्रिंडाविक में इमरजेंसी शेल्टर्स और हेल्प सेंटर्स को खोल दिया गया था। इसका मकसद प्रभावितों को मदद मुहैया कराना है। ग्रिंडाविक में कई होटलों और टूरिस्ट स्पॉट्स को भूकंप की चेतावनी के मद्देनजर बंद कर दिया गया है। यहां पर कई सक्रिय ज्वालामुखी हैं, जिसके चलते यह इलाका बेहद नाजुक हालत में है।