दीपावली के बाद यहां कुछ स्थानीय और बाकी बाहरी राज्यों के मजदूर ही बचे थे। इन मजदूरों को ही रात्रि की ड्यूटी पर भेजा गया था और दिवाली के दिन बड़ा हादसा हो गया। श्रमिक कुंवर बहादुर ने बताया कि सुरंग के अंदर फंसे 40 मजदूरों को ठंड से बचाव के लिए बिस्तर या कंबल की जरूरत नहीं है। सुरंग में काफी गर्मी लगती है। रात्रि शिफ्ट में काम कर चुके प्रेमलाल ने बताया कि सुरंग में इतनी गर्मी होती है कि पसीना से तर हो जाते है।