-पूर्व क्रिकेटर कर रहे पीएम के कदम की सराहना
नई दिल्ली,। टीम इंडिया को क्रिकेट वर्ल्ड कप में मिली हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ड्रेसिंग रूम का दौरा किया और वहां पर खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया। इसका कुछ लोगों ने समर्थन किया तो कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। पीएम के इस कदम का वर्तमान से लेकर पूर्व खिलाड़ी तक समर्थन कर रहे हैं। राजनीतिक विरोध के बावजूद पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री और वेंकटेश प्रसाद ने पीएम मोदी के इस कदम की सराहना की है।भारतीय क्रिकेट के दिग्गज और पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का बचाव करते हुए कहा,“मुझे लगता है कि यह एक उत्कृष्ट बात है क्योंकि मैं जानता हूं कि ड्रेसिंग रूम कैसा होता है और मैं एक क्रिकेटर के रूप में कई वर्षों के अलावा भारत के कोच के रूप में सात साल से अधिक समय तक उस ड्रेसिंग रूम में रहा हूं।
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उन्होंने आगे कहा, जब आप देश के प्रधानमंत्री जैसे किसी व्यक्ति को ड्रेसिंग रूम में आते हुए देखते हैं तो यह बहुत बड़ी बात है, क्योंकि इससे खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ सकता है। यह कोई आम आदमी का अंदर आना नहीं है। जब आपके सामने देश का प्रधानमंत्री हो तो उनका ड्रेसिंग रूम में आना विशेष होता है। मैं जानता हूं कि अगर मैं भारत का कोच होता तो खिलाड़ियों को कैसा महसूस होता। मुझे पता है कि मुझे कैसा महसूस होता।भारतीय क्रिकेट में एक और सम्मानित खिलाड़ी वेंकटेश प्रसाद ने भी पीएम मोदी के ड्रेसिंग रूम जाने की घटना की सराहना की है। उन्होंने इसे मानवीय बताया है। साथ ही कहा कि इससे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ेगा। उन्होंने कहा, “फाइनल में दुर्भाग्यपूर्ण हार के बाद खिलाड़ियों से मिलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक शानदार पहल थी। इससे मनोबल बढ़ाने में मदद मिलती है। इससे नेताओं को कोई लाभ नहीं होता। हार के बाद प्रधानमंत्री जाकर खिलाड़ियों से मिलेंगे, यह सिर्फ एक महान मानवीय भाव था।
” उन्होंने फ्रांस के फीफा विश्व कप फाइनल में हारने के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति के द्वारा एमबीप्पे और फ्रांसीसी खिलाड़ियों से मुलाकात की घटना को भी याद किया।क्रिकेटर से राजनेता बने कीर्ति आजाद ने इस घटना का विरोध किया है। पूर्व क्रिकेट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ड्रेसिंग रूम में बिना कैमरे के जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, “किसी को भी कमरे में जाने की अनुमति नहीं है। यह क्रिकेटरों के लिए निजी जगह है। माहौल ठीक नहीं था क्योंकि फाइनल हारने के कारण खिलाड़ी परेशानी में थे। यहां तक कि आईसीसी भी किसी को ड्रेसिंग रूम में जाने की इजाजत नहीं देता है।