- छोटी-छोटी गोलियों से असाध्य बीमारियों के इलाज भी संभव

छोटी-छोटी गोलियों से असाध्य बीमारियों के इलाज भी संभव


- होम्योपैथी दवाईयां की विशेषता जड़ से खत्म करती है बीमारियों  को
भिण्ड. बदतले दौर में कई तरह की बीमारियों लोगों को जकड़ रही हैं। कई असाध्य बीमारियों का इलाज एलोपैथी में है ही नहीं, वहीं होम्योपैथी में इन बीमारियों को दूर किया जा सकता है। बीते कुछ समय में एक बार फिर से लोगों का रुख होम्योपैथी की ओर हुआ है। शहर में भी होम्योपैथी के चिकित्सक लोगों की बीमारियों को ठीक करने में जुटे हुए हें। होम्योपैथी के चिकित्सकों की मानें तो एलोपैथी में बीमारी का इलाज नहीं है वह सिर्फ उस बीमारी को दबाकर रखते हैं जबकि होम्योपैथी बीमारी को जड़ से खत्म कर सकती है। संवाददाता ने शहर के विश्व होम्योपैथी दिवस पर न केवल चिकित्सकों से बात की बल्कि दवा से लाभ लेने वाले मरीजों से भी बात की।
फिर से बढ़ रहा है होम्योपैथी के प्रति क्रेज
कभी होम्योपैथी के गढ़ रहे भिण्ड में वर्ष 1970 के दशक में 80 के करीब डॉक्टर निकलकर आए। भिण्ड में होम्योपैथी कॉलेज की स्थापना करने वाले स्वरूपचंद जैन ने जैन कॉलेज वाली गली में इसकी शुरूआत की थी, उसके बाद होम्योपैथी के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा। सीनियर होम्योपैथी डॉ. आरबीएस चौहान करते हैं कि कैसा भी बुखार, सर्दी, खांसी और जुकाम हो, होम्योपैथी में गारंटी से उपचार होता है। डॉ. चौहान कहते हैं कि प्रकृति के अनूकूल चलने वाला उपचार है होत्योपैथी। जब लोग प्रकृति के विपरीत आचरण करने लगते हैं तब रोग बढते हैं। होम्योपैथी में निरंतर अध्ययन करने और अभ्यास करने से पकड़ मजबूत होती है। हमने तीन लाख रुपए की पुस्तकें रखी हैं और हर मर्ज की दवा रखते हैं, समय जरूरत लगता है, लेकिन कोई ीाी रोग जड़ से खत्म होता है। 83 वर्षीय होम्योपैथ डॉ. मुलायम ङ्क्षसह भदौरिया कहते हैं कि होम्योपैथी दवा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके साइड इफेक्ट कतई नहीं हैं।्र एलोपेथी में साइड इफेक्ट के बड़े खतरे हैं।
इनका कहना है:
-होम्योपैथी प्राकृतिक चिकित्सा है, जबकि ेऐलोपैथी एक तरह से मर्ज को दबाने का काम करती है। होम्योपैथी में हर मर्ज का उपचार है, थोड़ा समय ज्यादा लग सकता है, परहेज करना पड़ सकताा है।
डॉ. आरबीएस चौहान, होम्योपैथी, भिण्ड
-होम्योपेथी से अच्छा उपचार वर्तमान दौर में कोई नहीं है। बस लोग देर से आते हैं। मर्ज शुरू होते ही उपचार लेना शुरू कर दें तो त्वरित लाभ भी होता है और अच्छे परिणाम भी मिलते हैं।
डॉ. मुलायम सिंह भदौरिया, होम्योपैथी, भिण्ड।
- हमें एग्जिमा की शिकायत थी, एलोपैथी की दवाएं बहुत लीं, थोड़ी राहत मिलने के बाद फिर समस्या हो जाती थी। लेकिन अब होत्योपैथी उपचार लिया है तो निरंतर राहत मिलती जा रही है और समस्या काबू में हैं। होम्योपैथी काफी अच्छी है।
मंजू शर्मा, मरीज।
- हमें चर्म रोग की समस्या थी, इसको लेकर बहुत उपचार कराया, उलेकिन उसके दुष्परिणाम भी शरीर पर दिखने लगे, तब होम्योपेथी का इलाज लिया जब बहुत राहत है, कुछ दिन में कोर्स पूरा हो जाएगा।
रीना देवी, मरीज।

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