मुझे कम से कम सजा मिले। उल्लेखनीय है कि गैंगस्टर मुकदमे में 10 अगस्त को दर्ज बयान में उदयभान सिंह ने स्वयं को निर्दोष बताते हुए कहा था कि राजनीतिक विद्वेष के चलते फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया। गौरतलब है कि मिर्जापुर के चील्ह ब्लाक के गांव सेमरा निवासी पूर्व विधायक उदयभान सिंह को 18 साल वर्ष पुराने गैंगस्टर के मामले में सजा सुनाई गई है। अनुराग त्रिपाठी उर्फ अन्नू की हत्या के मामले में अभियुक्त पूर्व विधायक उदयभान सिंह पर 13 जुलाई 2005 को तत्कालीन शिवपुर थानाध्यक्ष ने 10 मुकदमों का जिक्र करते हुए गैंगेस्टर का मुकदमा दर्ज कराया था। एडीजीसी विनय कुमार सिंह ने बताया कि मुकदमे के अनुसार विनीत सिंह के गैंग में उदयभान सिंह, संतोष उर्फ किट्टू और प्रदीप उर्फ सीओ शामिल हैं। इनके आतंक व दुस्साहस से इनके खिलाफ कोई भी बयान देने से कतराता था। विनीत और उदयभान की साजिश से जेल में अनुराग त्रिपाठी उर्फ अन्नू की हत्या करा दी गई। इससे पहले अन्नू पर पेशी से नैनी जेल जाते हुए भी जानलेवा हमला हुआ था, जिसमें सरकारी चालक की मौत हो गई थी। गैंग चार्ट में गोपीगंज में हुए तिहरे हत्याकांड का भी जिक्र किया गया।
गोपीगंज-मिर्जापुर तिराहे पर चार अप्रैल 1999 को सूर्यनारायण उर्फ वकील शुक्ल, देवीशंकर दुबे और शेषमणि दुबे की हत्या मामले में पूर्व विधायक उदयभान सिंह सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। घटना के बाद उदयभान फरार हो गया था। वर्ष 2001 में अदालत में हाजिर होने के बाद साल 2002 में जेल से ही औराई विधानसभा सीट से बसपा के चुनाव चिन्ह पर उसने चुनाव जीता था। वर्ष 2004 में तिहरे हत्याकांड में जिला जज की अदालत से आजीवन कारावास की सजा के बाद उदयभान की विधानसभा सदस्यता चली गई थी। इसके बाद हुए उपचुनाव में बसपा ने इस सीट पर रंगनाथ मिश्रा को उतारा। सपा से उनकी पत्नी चुनाव लड़ीं और जीतीं।