नई दिल्ली । हेल्थकेयर एवं डायग्नोस्टिक्स प्लेटफॉर्म प्रैक्टो की अगले वित्त वर्ष में मुनाफे की स्थिति में आने और जल्द ही अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की योजना है। प्रैक्टो छोटे शहरों और कस्बों में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के साथ ही आंकड़ों के बेहतर विश्लेषण के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का इस्तेमाल करने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि हम इस साल बढ़िया मार्जिन से बढ़ेंगे। हमारी कर-पूर्व आय (एबिटा) में पिछले साल की तुलना में नाटकीय रूप से सुधार हुआ होगा।
हम इस साल न नफा-न नुकसान के करीब होंगे और अगले साल हम वास्तव में महत्वपूर्ण लाभ कमाने में सक्षम होंगे। प्रेक्टो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कंपनी प्रैक्टो ब्रांड वाले क्लीनिक के जरिये प्राथमिक और माध्यमिक स्वास्थ्य सेवा में अपनी भौतिक मौजूदगी की भी योजना बना रही है। इसके साथ ही प्रैक्टो की आईपीओ लाने की भी योजना है।
उन्होंने कहा कि हम लोगों के बीच जाना चाहेंगे। मैं इसकी कोई तय समयसीमा नहीं बता सकता, लेकिन ऐसा जल्द ही होगा। वर्ष 2008 में स्थापित प्रैक्टो अपने डिजिटल मंच पर डॉक्टरों को मरीजों से जोड़ता है और टेलीमेडिसिन जैसी कई सहायक सेवाएं प्रदान करता है। प्रैक्टो की डायग्नोस्टिक और परामर्श सेवाओं से होने वाली आय कुल परिचालन राजस्व का 50 प्रतिशत है। बाकी राजस्व सदस्यता सेवाओं, सॉफ्टवेयर की बिक्री और डॉक्टरों और क्लीनिकों के रखरखाव से आता है। वित्त वर्ष 2022-23 में इसका घाटा आधा होकर 93.68 करोड़ रुपये हो गया।